श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 सितंबर 2019। मंगलवार शाम टिड्डियों के दल ने गुसाईंसर बड़ा गांव पर हमला बोला। किसानों में भय का माहौल बन रहा है, ये दल झुंडों में है। किसानों ने रुंधे गले से कहा की संख्या में कुछ कम है पर अंडे देने से मुश्किलें बढ़ जाएगी। किसानों में भय भर रहा है कि जिस खेत पर बैठ जाये उसे खाली कर देती है, प्रशासन का कहना है कि यह से संख्या में कम है और अभी बड़ा खतरा नहीं है किसान धैर्य रखें।
किसानों की मेहनत पर पानी फेरते हुए ये टिड्डी दल मंगलवार शाम महेंद्र गोदारा, नारायण रामू नायक, रामचंद्र, मुकनाराम के खेतों पर बैठे। मंगलवार शाम टिड्डियों ने मनकरासर के खेतों पर हमला किया और रात को ये दल गुसाईंसर बड़ा तक पहुंच गए।
ऐसे में सरकारी प्रयास अपर्याप्त है, ओर अन्य कोई संघठन भी नही है जो इस बाबत कार्य करें। सरकारी सहायता तो ऊंट के मुँह में जीरे के समान है। इसमें अपने खेतों की रक्षा के लिए अर्जुन स्वयं किसानों को ही बनना होगा।
टाइम्स को जेएनयू जयपुर के किट विज्ञानी अजय कुमार ने बताया कि यह एक प्राकृतिक आपदा है और इसका मुकाबला हम सब को मिल कर करना होगा। अजय ने कहा कि सबसे पहले नियंत्रण कक्ष को सूचना दें तथा किसान ढोल, कनस्तर, थाली, पीपे, पटाखे खेत में दूर दूर खड़े होकर बजाए जिससे ये बैठे नहीं। विभाग द्वारा जो स्प्रे किया जाता है वह बहुत उच्च स्तर का है जिससे सिंचित क्षेत्र के लिए उपयोग करना सही नहीं होगा। अजय कुमार ने बताया कि किसान निजी स्तर पर पॉवर स्प्रे करें उसमें–
1- क्लोरोपायरिफॉस 20%EC…… 2.5 ml प्रति लिटर पानी में घोले।
2- क्लोरोपायरिफॉस 50% EC…. 1.0 ml प्रति लिटर पानी में घोले।
3- डेल्टामेथरिन 2.8 %EC…… 1.0 ml प्रति लिटर पानी में घोले।
4- लेम्बडासायलोथिन – 5% EC …. 1.0ml प्रति लिटर पानी में घोले।
उक्त कीटनाशकों में से किसी एक को सिलिकन स्प्रेटर 0.4 ml प्रति लिटर पानी के साथ टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में स्प्रे करवाएं।
ये जानकारी आप सभी किसानों तक अवश्य पहुंचाए।
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