श्रीडूंगरगढ टाइम्स 30 जुलाई 2020। कस्बे में एक ट्रेक सहित खेल मैदान की मांग लंबे समय से यहां के युवा व खिलाड़ी करते आए है परन्तु कहीं मैदान अभी तक बन नहीं सका है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में पानी भरने के कारण खिलाड़ियों की पहली पसंद कस्बे के पुराने राजकीय विद्यालय रूपा देवी स्कूल का खेल मैदान रहा है जिसे विकसीत किए जाने की मांग कई बार उठ चुकी है परन्तु परवान कभी चढ़ नहीं पाई और आज तक खेल मैदान नहीं बन सका। क्षेत्र में बेस बॉल, साफ्ट बॉल, ऑइना खेल सहित कई खेलों के खिलाड़ियों का ट्रेक नहीं होने का दर्द सामने आ रहा है। कई खिलाड़ियों ने प्रशासन से कई बार मांग की परन्तु बात बनी नहीं और अब कई खेलों के युवा खिलाड़ियों ने स्वयं ही जिम्मेदारी उठाई और ट्रेक के निर्माण में जुट गए है। ये सभी मात्र 17-18 वर्षीय युवा है जिनमें से कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना प्रारम्भ कर दिया है। श्रीडूंगरगढ का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सके इसके लिए अब खिलाड़ियों को ट्रेक की सख्त दरकार है। रूपादेवी स्कूल से इसी वर्ष बाहरवीं कक्षा पास करने वाले मोहन पूनियां ने इसी विद्यालय के मैदान को अपने खिलाड़ी साथियों के साथ मिल कर खेल के लिए मैदान बनाने की मुहिम प्रारम्भ कर दिया है। मोहन के पिता शंकरलाल पूनियां ने सहयोग देते हुए अपना बिजाई के काम आने वाला ट्रेक्टर इन्हें उपलब्ध करवाया है। मोहन व उनके साथी अखिलेश मेघवाल, प्रहलाद सोनी, राष्ट्र प्रताप, खिवनाथ, रवी सारस्वत, गोपी पूनियां, महेश भाटी ने मिल कर मैदान की साफ सफाई की और 400 मीटर के ट्रेक की खुदाई भी कर ली है। युवाओं ने इतना काम अपने श्रम से कर लिया अब यहां केवल मिट्टी डलवाने की आवश्यकता है। ऑइना खेल के राष्ट्रीय खिलाड़ी पूनियां ने कहा कि क्षेत्र के खिलाड़ी कहीं खेल एकेडमी में तो नहीं जा सकते कम से कम एक मैदान हो तो ये खिलाड़ी अपनी शारीरिक तैयारी कर सकते है। गरीब परिवारों के खिलाड़ियों का मनोबल भी मैदान नहीं होने से टूट जाता है।
आगे आए समाजसेवी तो राह हो आसान, तैयार हो सके युवा खिलाड़ी।
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ कस्बे में युवाओं के खेल के प्रति रूझान काफी बढ़ा है और कई प्रतिभाऐं अब राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र का नाम भी रोशन करने लगी है। पर यहां कोई खेल मैदान या ट्रेक जैसी सुविधा भी नहीं होना खिलाड़ियों को अखरने लगा है। इन खिलाड़ियों ने कस्बे के रूपा देवी स्कूल के मैदान में जितना संभव हो सके बिना किसी सहायता के स्वयं ही कार्य करने का प्रयास किया है। अब मिट्टी डलवाने के लिए क्षेत्र के कोई समाजसेवी या नेतागण आगे आकर सहयोग करें तो इन युवाओं सहित सैंकड़ो विद्यार्थी यहां शारीरिक तैयारी कर सके। ऐसे में प्रशासन से सहायता की उम्मीद में वर्षों का समय और लग सकता है इसलीए जरूरत है कोई समाजसेवी या क्षेत्रीय नेता आगे आ कर विद्यार्थियों का सहयोग करें व उनके सेवा व सहयोग के इस जज्बे को प्रोत्साहन देवें। जिससे ये युवा आगे भी सकारात्मकता के साथ सामाजिक व सार्वजनिक कार्य करने के लिए अपना सहयोग दे सकें।