








श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 अक्टूबर 2020।🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
🌻शनिवार, 24 अक्टूबर 2020 🌻
सूर्योदय: 🌄 06:46
सूर्यास्त: 🌅 17:59
चन्द्रोदय: 🌝 14:10
चन्द्रास्त: 🌜12:59
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 1942
विक्रम सम्वत: 👉 2077
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि: 👉 अष्टमी (06:58 तक)
नक्षत्र: 👉 श्रवण (26:38 तक)
योग: 👉 शूल (24:42 तक)
प्रथम करण: 👉 बव (06:58 तक)
द्वितीय करण: 👉 बालव (19:15 तक)
अभिजित मुहूर्त 👉 11: 58-12:45
राहुकाल 👉09:34 से 10:57
दिशाशूल 👉 पूर्व
चंद्रवास 👉 दक्षिण
सूर्य राशि 👉 तुला
चंद्र राशि 👉 मकर
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दिन का चौघड़िया
काल- 06:43-08:07
शुभ- 08:07-09:32
रोग- 09:32-10:56
उद्वेग- 10:56-12:21
चर- 12:21-01:45
लाभ- 01:45-03:10
अमृत- 03:10-04:34
काल- 04:34-05:59
रात का चौघडिया
लाभ-05:59-07:34
उद्वेग-07:34-09:10
शुभ- 09:10-10:45
अमृत-10:45-12:21
चर- 12:21-01:57
रोग- 01:57-03:32
काल- 03:32-05:08
लाभ-05:08-06:43
माँ दुर्गा का अष्टम रूप महागौरी हैं। महागौरी की चार भुजाएं हैं उनकी दायीं भुजा अभय मुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में त्रिशूल शोभता है। बायीं भुजा में डमरू डम डम बज रही है और नीचे वाली भुजा से देवी गौरी भक्तों की प्रार्थना सुनकर वरदान देती हैं। जो स्त्री इस देवी की पूजा भक्ति भाव सहित करती हैं उनके सुहाग की रक्षा देवी स्वयं करती हैं। कुंवारी लड़की मां की पूजा करती हैं तो उसे योग्य पति प्राप्त होता है। पुरूष जो देवी गौरी की पूजा करते हैं उनका जीवन सुखमय रहता है देवी उनके पापों को जला देती हैं और शुद्ध अंत:करण देती हैं। मां अपने भक्तों को अक्षय आनंद और तेज प्रदान करती हैं। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है, इसलिए ये महागौरी कहलाती हैं। नवरात्रि के अष्टम दिन इनका पूजन किया जाता है। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। माँ महागौरी की आराधना से किसी प्रकार के रूप और मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है। उजले वस्त्र धारण किये हुए महादेव को आनंद देवे वाली शुद्धता मूर्ती देवी महागौरी मंगलदायिनी हों।