“आज का पंचांग” 18 अक्टूबर के शुभ अशुभ मुहूर्त, आज करने योग्य धर्म-कर्म जाने पंडित विष्णुदत्त शास्त्री के साथ।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 अक्टूबर 2020।🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

🌻रविवार, 18-10-2020🌻

सूर्योदय: 🌄 06:43
सूर्यास्त: 🌅 18:00
चन्द्रोदय: 🌝 08:05
चन्द्रास्त: 🌜19:29
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 2042
विक्रम सम्वत: 👉 2077
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि: 👉 द्वितीया 17:27 तक
नक्षत्र: 👉 स्वाती 8:52 तक
“. :👉 विशाखा
योग: 👉 प्रीति 17:13 तक
प्रथम करण: 👉 बालव 07:16 तक
द्वितीय करण: 👉 कौलव 17:27 तक
अभिजित मुहूर्त: 👉 11:59-12:44 तक
राहुकाल: 👉 16:33-18:00तक
दिशा शूल: 👉 पश्चिम
चन्द्र वास: 👉 पश्चिम
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 तुला
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग =06:43-08:07
२ – चर =08:07-09:32
३ – लाभ =09:32-10:57
४ – अमृत =10:57-12:22
५ – काल =12:22-01:46
६ – शुभ =01:46-03:11
७ – रोग =03:11-04:36
८ – उद्वेग =04:36-06:00

॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ =06:00-07:36
२ – अमृत =07:36-09:11
३ – चर =09:11-10:47
४ – रोग =10:47-12:22
५ – काल =12:22-01:57
६ – लाभ =01:57-03:33
७ – उद्वेग =03:33-05:08
८ – शुभ =05:08-06:43

मां ब्रह्मचारिणी को तप की देवी कहा जाता है और उनसे जुड़ी एक कथा काफी प्रचलित है। पूर्वजन्‍म में मां ब्रह्मचारिणी ने पुत्री के रूप में राजा हिमालय के घर में जन्‍म लिया और फिर नारदजी के कहने पर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्‍त करने के लिए तपस्‍या करने हेतु वन में चली गईं। उसके बाद देवी ने हजारों वर्षों तक कड़ी तपस्‍या की और इस दौरान उन्‍होंने केवल बिल्‍वपत्र और फल-फूल का सेवन किया।मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले या सफेद वस्त्र पहनें। मां को सफेद वस्तुएं अर्पित करें जैसे- मिश्री, शक्कर या पंचामृत।

मंत्र:-
ऊं ब्रह्मचारिण्यै नम:
(पंडित विष्णुदत्त शास्त्री)