May 14, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 1 अगस्त 2022।  Ear Infection: बारिश का पानी जब कान में चला जाता है तो इसके कारण हमारे कान में तेज दर्द, कान सुन्न, कान में खुजली होने समेत कई समस्या होने लगती है. ऐसे में अगर आप बारिश के कारण कान की समस्या से परेशान हैं तो यह हो सकता है कि कान का इंफेक्शन हुआ हो. इसके लक्षण जानकर मॉनसून में कान से जुड़ी समस्या से बचा जा सकता है.

बारिश के मौसम में संक्रमण और बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है. बारिश के मौसम में कई तरह के संक्रमण हमारी बॉडी में बहुत ही आसानी से पहुंच जाते हैं. इसके कारण सर्दी, खांसी और जुकाम होना आम बात है, लेकिन बारिश के मौसम में थोड़ी सी भी लापरवाही होने के कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इसमें फंगल इंफेक्शन, सीजनल फ्लू, स्किन, आंख और कान भी प्रभावित होते हैं. ज्यादातर यह देखने में आता है कि इस सीजन में लोग कान के इंफेक्शन  से परेशान रहते हैं.

बारिश के पानी से हो सकता है कान का इंफेक्शन
बारिश का पानी जब कान में चला जाता है तो इसके कारण हमारे कान में तेज दर्द, कान सुन्न, कान में खुजली होने समेत कई समस्या होने लगती है. ऐसे में अगर आप बारिश के कारण कान की समस्या से परेशान हैं तो यह हो सकता है कि कान का इंफेक्शन हुआ हो. इसके लक्षण जानकर मॉनसून में कान की समस्या से बचा जा सकता है. यहां हम आपको कान के इंफेक्शन के लक्षण और बचाव के उपाय बता रहे हैं…

इयर इंफेक्शन के कारण
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बारिश में आंख, कान और स्किन से संबंधित परेशानी बढ़ जाती हैं. इसका कारण ह्यूमिडिटी होती है जो कि फंगल इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया के पैदा होने के लिए प्रजनन के लिए अनुकूल जगह हो सकती है. वहीं, कान में गंदगी और ईयरबड्स के निशान भी इयर इंफेक्शन का कारण हो सकता हैं.

कान में इंफेक्शन के लक्षण
कानों में दर्द, कान के अंदर लगातार खुजली होना, कान का बाहरी हिस्सा लाल होना, सही से आवाज सुनाई न दे पाना, कानों में भारीपन महसूस होना और कान से सफेद या पीले रंग का पस निकलना ये सब कान में इंफेक्शन होने के लक्षण हैं.

इयर इंफेक्शन से बचने के उपाय
बारिश के मौसम में कानों में आने वाली नमी से बचने के लिए कान को हमेशा साफ और सूखा रखें. कान को पोंछने के लिए कभी भी किसी रफ कपड़े का इस्तेमाल भूलकर भी न करें. इसके लिए नरम कॉटन के साफ कपड़े का उपयोग करें. ज्या ईयरफोन या ईयरबड्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. दूसरे के यूज किए हुए ईयरफोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.

इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि ईयरफोन समय-समय पर डिसइनफेक्ट करते रहें. गले में इंफेक्शन या खराश का असर कान पर पड़ सकता है. जिसकी वजह से कान का संक्रमण होने का खतरा रहता है, इसलिए अपने गले का भी विशेष ख्याल रखें. इसके अलावा हर 6 महीने में ईएनटी विशेषज्ञ से अपनी जांच जरूर काराना चाहिए.

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