कोरोना की भयावहता, बीकानेर जिले के हालात जानें, रोंगटे खड़े करने वाला ऑडियो, वीडियो जरूर देखें, अपना व अपने परिवार का ख्याल रखें।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 26 सितंबर 2020। बीकानेर जिले में कोरोना की भयावहता सामने आने लगी है। जिला मुख्यालय पर बने कोविड सेंटर में कार्यरत कार्मिको की लापरवाही से कोरोना रोगियों की जान जा रही है। और यह विशेष रिपोर्ट ऐसे हालातो की पोल खोलते हुए प्रस्तुत है। कोरोना से स्थितियां भयावह हो गयी है और जिला मुख्यालय पर ही जब ये हाल है तो आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रो में हालात की कल्पना करना भी मुश्किल है। ऐसे में आवश्यक है जनता खुद आगे आकर जागरूक हो और खुद का ख्याल रखे। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स क्षेत्र वासियों से अपील करता है कि वे सरकारी व्यवस्थाओं के भरोसे अपने परिजनों से खिलवाड़ नहीं करें और मास्क का प्रयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं। प्रशासन और सरकार की नाकामी के साथ जागरूकता का अभाव ही घातक साबित हो रहा है। ऐसे में पढ़े वरिष्ठ पत्रकार जयनारायण बिस्सा की विशेष रिपोर्ट।
साभार खुलासा न्यूज बीकानेर।
जयनारायण बिस्सा।
जिले में अब कोरोना से लड़ाई लडऩे के लिए आमजन को खुद ही सतर्क रहना होगा क्योंकि अब आप खुद ही अपने रक्षक बनकर कोविड की जंग जीत पाएंगे। पीबीएम मेें फैली अव्यवस्था के चलते अब कोरोना संक्रमितों की सांसे थमने लगी है। मंजर यह है कि कोविड सेन्टर के आईसीयू वार्डों में देर रात मरीजों की सार संभालने वाला अब कोई नहीं है। जिसके कारण कोरोना संक्रमित जिन्दगी की जंग हार रहे है। खुलासा के पास ऐसे कई साक्ष्य सामने आएं है। जिसमें कोविड सेन्टरों की पोल खोल दी है। कहने को जिला प्रशासन की ओर से वार रूम की स्थापना की गई है। लेकिन इस वार रूम के योद्वा मरीजों के लिये कितने लड़ रहे है। इसका जीता जागता उदाहरण शनिवार सुबह एक मरीज की अपने परिजनों की बातचीत के ऑडियो से उजागर हो रहा है। जिसमें मरीज ऑक्सीजन के अभाव में तडपता सुनाई दे रहा है। यहीं नहीं इस मरीज ने अपने बेटे की आखिर बातचीत में बताया कि यहां मरीजों की सार संभाल के लिये यहां चिकित्सकीय स्टाफ नदारद है,किसकों कहूं। हालांकि मरीज रमेश जोशी के बेटे में अपने स्तर पर अस्पताल पहुंचने से पहले खूब फोन करवाएं। लेकिन वार रूम में किसी ने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई। आखिरकार जब परिजन अस्पताल पहुंचे तक तब उनकी हालत बिगड़ चुकी थी और सुबह 9 बजे के करीब रमेश जोशी ने दम तोड़ दिया। उनकी मौत कही न कही पीबीएम प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रही है। ऐसे कितने ही कोरोना मरीजों ने कोविड सेन्टरों की अव्यवस्थाओं की लापरवाही के चलते अपनी जान गंवा दी है।


अनाथ बीकानेर का रखवाला कौन.??
स्थिति यह है कि बीकानेर में बेकाबू हो रहे कोरोना और उससे बढ़ती मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर अब जंग छिड़ गई है कि अनाथ बीकानेर का आखिर रखवाला कौन है। अनेक जने कोरोना के बिगड़ते हालात के लिये जिला प्रशासन को दोषी मान रहे तो कई जिले के तीनों मंत्रियों पर इसका दोष मढ़ रहे है। लोगों का मानना है कि बीकानेर के तीनों मंत्री गैर जिम्मेदार होकर लापरवाहर जिला व पीबीएम प्रशासन पर नकेल कसने में नाकाम है। देखने वाली बात यह है कि पीबीएम में ऑक्सीजन की भारी कमी होने के बाद भी कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

जारी है आंकड़ों का मकडज़ाल
चिकित्सा विभाग इन दिनों कोरोना संक्रमण को रोकने की बजाय आंकड़ों में बदलाव करके संक्रमितों के गलत आंकड़े जारी करने में लगा है। सूत्रों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से कोरोना के आंकड़ों का मायाजाल बना हुआ है। हालात यह है कि पिछले एक सप्ताह से पॉजिटिव के आंकड़ों में जितने पॉजिटिव मामले सामने आ रहे है। उतने विभाग की ओर से जारी नहीं किये जा रहे है। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं मिला। इसी तरह लुका छिपी के खेल में पिछले दिनों सादुल कॉलोनी स्थित एक निजी बैंक के अधिकतर कार्मिक कोरोना पॉजिटिव आने की जानकारी छुपाई गई। यहीं नहीं देश की ख्यातनाम नेटवर्क जियो कंपनी के भी कार्मिक पॉजिटिव आने की सूचना है। जिसमें मार्केटिंग से जुड़े कार्मिक भी शामिल है। ऐसे ही अनेक कार्मिक व आमजन की जानकारी नहीं देने की वजह से इस बात से लोग अनजान हैं कि वे किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए हैं। चिकित्सा विभाग इनकी सम्पर्क सूची तक तैयार नहीं कर पाया। दो दिन पहले खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंकड़े छुपाने को लेकर गंभीर चिंता जाहिर कर ताकीद किया था कि जिला स्तर पर आंकड़े जारी किए जाएं, ताकि लोगों को पॉजिटिव मामलों की जानकारी हो सके और कॉन्टेक्ट पर्सन खुद आगे आकर अपने सैंपल दें और होम क्वारंटाइन हो सके, लेकिन गहलोत के निर्देशों का भी विभाग के अधिकारियों द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता। साफ दर्शाता है कि ना केवल जिले में बल्कि प्रदेश में चिकित्सा विभाग और उनके अधिकारी बेकाबू हो चुके हैं। अगर आंकड़ा की बात करें तो चिकित्सा विभाग की ओर से सात दिनों में 636 पॉजिटिव की जानकारी अधिकारिक रूप से उपलब्ध करवाएं गये है। जबकि मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी लिस्टों में 1335 पॉजिटिव रिपोर्ट हुए है। ऐसे में 699 पॉजिटिव आखिर कहां गये।
तारीख वाईज      विभागीय पॉजिटिव     वास्तविक पॉजिटिव
19 सितम्बर          89                     116
20 सितम्बर          56                     160
21 सितम्बर          85                      94
22 सितम्बर          65                     202
23 सितम्बर          72                     195
24 सितम्बर          82                     195
25 सितम्बर          79
26सितंबर।           108                   168

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