श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 अगस्त 2020। श्रीडूंगरगढ़ कृषि मंडी व्यापारियों ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कृषि मंडी के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने एकजुट होकर आज मंडी में कारोबार बंद रखा और केन्द्र सरकार के कानून फार्मर प्राड्यूसर ट्रेड एंड कॉमर्स ऑडिनेन्स का नारेबाजी करते हुए विरोध प्रकट किया। व्यापारियों का आरोप है कि कृषि मंडी के व्यापारियों का अस्तित्व समाप्त करने में जुटी है सरकार ने व्यापारियों के खिलाफ दोगली नीति अपनाई है। श्रीडूंगरगढ अनाज मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याम सुदंर पारीक ने कहा कि अगर कृषि मंडी के बाहर कोई टैक्स नहीं और कृषि मंडी के अंदर कई प्रकार के टैक्स क्यों लिए जाएं। यह भेदभाव पूर्ण है और सभी व्यापारी कड़े शब्दों में इसकी भत्सर्ना करते है। सभी व्यापारियों ने एकस्वर में कहा कि अगर कृषि उपज मंडी के बाहर व्यापार करने वाले व्यापारीयों को पर ये टैक्स व नियम लागू नहीं है तो कृषि मन्डी परिसर में व्यापारीयों पर भी ये कर हटने चाहिए। ताकि सभी व्यापारीयों पर एक जैसे टैक्स व कानून लागू हो सके व भेदभाव पूर्ण नीति समाप्त हो सके। व्यापारियों ने कहा कि इस काले कानून के कारण किसान बड़ी बड़ी कम्पनीयों के चगुंल में फंस जाएंगे। ये कम्पनियां सीधे किसानों के साथ एग्रीमेंट व कान्ट्रैक्ट कर किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक उपलब्ध करवाएगी व पूरी कृषि उपज स्वयं ले लेगी। किसान इससे कम्पनियों के गुलाम बन जाएंगे। श्रीडूंगरगढ कृषि उपज मंडी के व्यापारीयों ने कृषि उपज मंडी गेट के आगे धरना प्रदर्शन करके इस काले कानून में कृषि उपज मंडी व्यापारीयों के हितों को देखते हुए पूर्ण रुप से संशोधन करने की मांग को लेकर ज्ञापन केन्द्रीय कृषि मंत्री भारत सरकार के नाम उपखंड अधिकारी दिव्या चौधरी को सौंपा। व्यापारियों के इस प्रदर्शन में संघ के उपाध्यक्ष औमप्रकाश बाना, सत्यनारायण सारस्वत, भगवाना राम महिया, भंवर लाल सारण, रामकरण जाट, ताराचंद जाखड़, नन्दलाल पुरोहित, राम निवास सारस्वत, रामदयाल बाना, इमीलाल ज्याणी, मुलचन्द सऊ, ओमप्रकाश बाना, दुर्गा राम महिया, सीताराम लुखा सहित बड़ी संख्या में कृषि उपज मंडी के व्यापारी मौजूद रहें।