श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 22 अगस्त 2021। 🚩श्री गणेशाय नम:🚩
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
📜 आज का पंचांग 📜
☀ 22 – Aug – 2021
☀ Sri Dungargarh, India
☀ पंचांग
🔅 तिथि पूर्णिमा 17:33:39
🔅 नक्षत्र धनिष्ठा 19:39:54
🔅 करण :
विष्टि 06:14:56
बव 17:33:39
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग शोभन 10:32:35
🔅 वार रविवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:07:07
🔅 चन्द्रोदय 19:22:59
🔅 चन्द्र राशि मकर – 07:57:45 तक
🔅 चन्द्र वास दक्षिण 07:57 तक
🔅 सूर्यास्त 19:06:19
🔅 चन्द्रास्त चन्द्रास्त नहीं
🔅 ऋतु वर्षा
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1943 प्लव
🔅 कलि सम्वत 5123
🔅 दिन काल 12:59:11
🔅 विक्रम सम्वत 2078
🔅 मास अमांत श्रावण
🔅 मास पूर्णिमांत श्रावण
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:10:45 – 13:02:41
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 17:22:25 – 18:14:22
🔅 कंटक 10:26:51 – 11:18:48
🔅 यमघण्ट 13:54:38 – 14:46:35
🔅 राहु काल 17:28:55 – 19:06:18
🔅 कुलिक 17:22:25 – 18:14:22
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 12:10:45 – 13:02:41
🔅 यमगण्ड 12:36:43 – 14:14:07
🔅 गुलिक काल 15:51:31 – 17:28:55
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पश्चिम
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन
📜 चोघडिया 📜
🔅उद्वेग 06:07:07 – 07:44:31
🔅चल 07:44:31 – 09:21:55
🔅लाभ 09:21:55 – 10:59:19
🔅अमृत 10:59:19 – 12:36:43
🔅काल 12:36:43 – 14:14:07
🔅शुभ 14:14:07 – 15:51:31
🔅रोग 15:51:31 – 17:28:55
🔅उद्वेग 17:28:55 – 19:06:18
🔅शुभ 19:06:19 – 20:28:58
🔅अमृत 20:28:58 – 21:51:38
🔅चल 21:51:38 – 23:14:18
🔅रोग 23:14:18 – 24:36:58
🔅काल 24:36:58 – 25:59:38
🔅लाभ 25:59:38 – 27:22:18
🔅उद्वेग 27:22:18 – 28:44:58
🔅शुभ 28:44:58 – 30:07:38
❄️लग्न तालिका ❄️
🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 05:47 AM समाप्त: 08:04 AM
🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 08:04 AM समाप्त: 10:20 AM
🔅 तुला चर
शुरू: 10:20 AM समाप्त: 12:39 PM
🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 12:39 PM समाप्त: 02:58 PM
🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 02:58 PM समाप्त: 05:03 PM
🔅 मकर चर
शुरू: 05:03 PM समाप्त: 06:46 PM
🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 06:46 PM समाप्त: 08:14 PM
🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 08:14 PM समाप्त: 09:40 PM
🔅 मेष चर
शुरू: 09:40 PM समाप्त: 11:16 PM
🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 11:16 PM समाप्त: अगले दिन 01:12 AM
🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 01:12 AM समाप्त: अगले दिन 03:27 AM
🔅 कर्क चर
शुरू: अगले दिन 03:27 AM समाप्त: अगले दिन 05:47 AM
रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। लेकिन राखी बांधने से पहले और राखी बांधते वक्त भाई और बहन को कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं, हिन्दू धर्म के अनुसार रक्षाबंधन के दिन होने वाली पूजा विधि।
राखी बांधने से पहले बहन और भाई दोनों उपवास रखें।
भाई को राखी बांधने से पहले बहन थाली सजाएं।
थाली में राखी, रोली, दिया, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रखें।
राखी बांधते वक्त सबसे पहले भाई को माथे पर तिलक लगाएं।
उसके बाद भाई पर अक्षत छीटें।
बहनें अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधें।
राखी बांधने के बाद बहन भाई की आरती उतारें।
अगर भाई बड़ा है तो उसके पैर छूकर भाई से आशीर्वाद लें।
फिर भाई को मिठाई खिलाएं।
बहन के राखी बांधने के बाद भाई अपनी सामर्थ्य अनुसार बहन को उपहार दें।
राखी बांधते वक्त बहनें मंत्र का जाप करें।
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
आज भद्रा नहीं है अर्थात पूरे दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा
पं. विष्णुदत्त शास्त्री {8290814026}