श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 अक्टूबर 2021। विज्ञान ने भी साबित कर दिया है कि बच्चे को समस्त बीमारियों से बचाने के लिए माँ का आँचल सबसे बड़ी सुरक्षा है। ठीक वैसे ही बड़े होने के बाद भी हम सभी प्रकृति माँ के आंचल में रहें तो स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यह संदेश दिया गया रविवार को कस्बे के तेरापंथ भवन धोलिया नोहरे में आयोजित 17 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के समापन पर। धर्मचन्द्र भीखमचंद पुगलिया चेरिटेबल ट्रस्ट श्रीडूंगरगढ़-कोलकाता द्वारा आयोजित इस निःशुल्क शिविर में सीकर के प्राकृतिक चिकित्सक राधेश्याम पारीक द्वारा अपनी सेवाएं दी गई ओर 954 रोगियों का कब्ज, गैस, कंधों का दर्द, घुटनों के दर्द, गठिया,अस्थमा, सायटिका जैसी कई बीमारियों का देसी घरेलू उपचार और स्टीम विधि से कारगर इलाज किया गया। सहायक चिकित्सक रविप्रकाश पारीक ने आये हुए रोगियों का प्राकृतिक उपचार वरिष्ठ चिकित्सक की देखरेख में किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष भीखमचंद पुगलिया ने सफलतम शिविर में सेवा लाभ लेने के लिए समस्त रोगियों को साधुवाद दिया। समापन पर कस्बेवासियों द्वारा अयपजन हेतु ट्रस्ट का आभार जताया गया।