





श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 फरवरी 2025। राजस्थान सरकार की डिप्टी सीएम एंव वित्त मंत्री दिया कुमारी द्वारा दूसरा बजट बुधवार, 19 फरवरी को पेश किया जाएगा। वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने दो माह का होमवर्क कर बजट तैयार किया है। बता देवें इस बजट में राज के विधायक होने के नाते क्षेत्रवासियों को खासी उम्मीदें है। क्षेत्र के कई गांवो के ग्रामीण लगातार आड़सर से जोरावरपुरा तक वाया मोमासर डबल सड़क की मांग कर रहें है। क्षेत्र के सबसे बड़े गांव मोमासर की करीब 18000 की आबादी एक स्वर में इस सड़क की मांग उठा रही है। ग्रामीण राजनीतिक व सरकारी स्तर पर सबसे बड़े गांव के साथ उपेक्षित व्यवहार करने का आरोप भी लगा रहें है। इस सड़क पर पेचवर्क भी गांव के भामाशाहों ने जैन संतों के आगमन के समय करवाया था। 40 साल से भी पहले की बनी सड़क आज जीर्णशीर्ण हालात में है। इसमें जगह-जगह खड्ढें हो गए है। इस सड़क पर चार पहिया व दुपहिया वाहन तो क्या पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है।
आड़सर से एनएच 11 तक जोड़ने का मार्ग है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। सरदारशहर रोड पर स्थित गांव आड़सर से जोरावरपुरा फांटा नेशनल हाइवे 11 तक जोड़ने की इस मांग से गांव आड़सर, लालासर की रोही, मोमासर, लाछड़सर व जोरावरपुरा के हजारों ग्रामीण सीधे लाभान्वित होंगे। बता देवें मोमासर के बाद लाछड़सर भी करीब 10 हजार जनसंख्या का बड़ा गांव है। इसके साथ ही आस पास के करीब एक दर्जन से अधिक गांवो के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा। ये टूटी फूटी सिंगल रोड आवाजाही के लिए खतरों की सड़क बन गई है।
ग्रामीणों ने किए अनेक प्रयास।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मोमासर के ग्रामीणों ने इस सड़क के निर्माण के लिए अनेक व अथक प्रयास किए है। इसके निर्माण के लिए मौजिज ग्रामीणों को एक ‘सड़क संघर्ष समिति’ का भी गठन किया गया। समिति सदस्य पूर्व प्रधान दानाराम भामूं की असामयिक मृत्यु के कारण समिति का कार्य ठप्प हो गया। पूर्व सरपंच जेठाराम भामूं, उपसरपंच जुगराज संचेती, व्यापार मंडल अध्यक्ष मनोज संचेती, पूर्व जिला परिषद सदस्य सुभाष कमलिया ने भी शासन प्रशासन से इस सड़क के निर्माण की मांग की अनेकों बार दोहराई है। गांव के जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता अशोक पटावरी व विद्याधर शर्मा ने भी कई पत्र विभागों को लिखे है। पटावरी ने तो सीएमओ से लेकर पीएमओ तक पत्र लिखकर इस सड़क के निर्माण की मांग की। गांव के व्यापारी लक्ष्मीपंत संचेती ने बताया कि जनता खूब परेशान है, एक भी चौड़ी सड़क से गांव जुड़ा नहीं है। पूरी आबादी इस सड़क के निर्माण की उम्मीदें लगाए बैठी है। सक्रिय युवा पवन सैनी ने बताया गांव के अनेक युवाओं ने 181 पर इसकी शिकायत की है परंतु पीडब्ल्यूडी ने कोई सुनवाई नहीं की है। ग्रामीणों ने बताया कि एमपी चुनाव में सांसद ने भी गांव में दो बार इस सड़क का निर्माण करवाने की घोषणा की परंतु आज तक कोई परिणाम नहीं आया है। ग्रामीणों ने बताया कि मंत्री सुमित गोदारा ने भी पाटमदेसर से जोरावरपुरा तक सड़क का प्रस्ताव बनवाया था पर वह भी ठंडे बस्ते में गया। जिसमें आड़सर से आगे लाखनसर, उदरासर होते हुए पाटमदेसर लूणकरणसर सड़क मार्ग के निर्माण की बात की गई। परंतु उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
करनी होगी कैटेगरी चेंज तब होगा निर्माण, सरकार तक हो पहुंच।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से इस सड़क के बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि ये सड़क ओडीआर (अन्य जिला रोड) रोड की कैटेगरी में है इसे डबल रोड बनाने के लिए सबसे पहले इसकी कैटेगरी बदलवा कर एमडीआर (मेजर जिला सड़क) में लेना होगा। उसके बाद डबल रोड का प्रस्ताव बनाकर भेजने और स्वीकृति के बाद टैंडर हो सकेगा। जानकारों ने बताया ये कार्य जयपुर में सरकार के स्तर पर होता है। जानकारों का कहना है कि यदि सक्षम स्तर से ग्रामीणों की मांग उठाई जाए तो ये गांव चौड़ी सड़क के साथ हाइवे से जुड सकेगा। विभागीय अधिकारी मुखराम बाना ने बताया कि इस सड़क की कैटेगरी बदलने के लिए करीब पांच माह पूर्व विभाग द्वारा सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। उसके बाद ही निर्माण का रास्ता खुल सकेगा।