![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2022/03/0-55.jpg)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/03/110011d0-bf03-405f-a4d8-98d8ca41142f.jpg)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-06-03-at-12.01.19-PM-1.jpeg)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/04/WhatsApp-Image-2024-04-08-at-3.14.02-PM.jpeg)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/04/IMG-20240411-WA0050-1.jpg)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/04/gigfile.gif)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/04/ag.gif)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-06-15-at-12.37.40-AM.jpeg)
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 1 अप्रैल 2022। “पीव जी किन बिध गया हो परदेस”, “हे बिधना कैसी रच दीनी दूर बसायो लाय” “ओलयूं थारी आव” सहित अनेक विरह के गीत राजस्थान की धरोहर है। और ये विरह वेदना को झेलने की ये परंपरा यहां की नारियों के लिए सदियों से आज तक कायम है। श्रीडूंगरगढ़ के उत्तरी ग्रामीण इलाकों से ऊंट गाड़े लेकर पीव का पलायन प्रारंभ हो गया है और गांव की गलियां गुवाड़ ही नहीं घर सुने होने लगे है। गांव उदरासर, धोलिया, लाधड़िया, बिरमसर, जालबसर, डेलवा सहित अनेक गांव जहां सिंचित कृषि नहीं है वहां से युवा अपने घर के अन्य पुरुष सदस्यों के साथ कमाने निकलने लगे है। बता देवें इन गांवो के अधिकांश युवा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में रोजगार के लिए प्रवासी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहें है। गांव में रहने वाले किसान भी इन दिनों हरियाणा की ओर ऊंट गाड़े या ट्रेक्टर ट्रॉली लेकर रवाना हो रहें है और यहां से तूड़ी वाला काम करने के लिए निकल पड़े है। पलायन कर रहें ग्रामीण भंवर जी ने बताया कि पापी पेट का सवाल हैं जाना तो पड़ेगा ही। ये आम नज़ारा आपको भी गाहे बगाहे नजर आ ही रहा होगा। रोजगार की जदोजहद में ऊंट गाड़े पर राशन सामग्री, बिस्तर, पलंग के साथ रवाना हुए किसान बरसात होने पर गांव लौट आएंगे और अपने खेत में कार्य करेंगे। रोजगार के साधनो का विकास राजस्थान के ऐसे इलाकों में आज भी नहीं हो सका है और जिम्मेदार सरकारें अब भी लंबी चौड़ी योजनाओं में धन लगा कर जाने किसका विकास करने में व्यस्त है। गाड़े पर बैठे धोलिया गांव के भंवर जी ने बताया कि पूरब की ओर नोकरी करण जावां हां। उदरासर के दुलदास स्वामी ने बताया हर साल यहाँ से किसान बड़ी संख्या में काम करने बाहर निकलते है। सरकारें कितनी ही आई पर धरती पर किसान के जीवन स्तर में सुधार अभी दूर की कौड़ी ही है।
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2022/04/IMG-20220401-WA0002.jpg)
![](https://sridungargarhtimes.com/wp-content/uploads/2022/04/IMG-20220401-WA0002-1.jpg)