श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 29 अगस्त 2021। श्रीडूंगरगढ़ में जिले की सबसे कम बरसात हुई है और किसानों ने अकाल की घोषणा कर दी है। क्षेत्र में बारानी खेतों में बड़ी संख्या में अच्छी बरसात के इंतजार में बिजान ही नहीं हो पाया और जहां बिजान हुआ वहां दूसरी, तीसरी बरसात नहीं होने से तथा नागौरन हवा चलने से खेत सुख गए है। गत 6-7 दिन से नागौरन चल रही है और खेत सुख रहें है। पानी अब किसान की आंखों में रह गया है और किसान परिवार के अच्छी फसल के बाद कई शुभ कार्य करने के सपने भी धूल धूसरित होते नजर आ रहें है। क्षेत्र के गांव सातलेरा की महिला किसान चंदा देवी सारस्वत ने बताया कि जेठ में 5 बीघा खेत पर बाजरा बुवाई की गई और 15 बीघा मोठ व ग्वार की बिजाई के लिए बरसात का इंतजार करते ही रह गए। अब बाजरा भी बिना पानी सूखने लगा है। बिग्गा रोही में बख्ताराम जाखड़ ने अपने खेत की सूड़ कर बिजाई के लिए तैयार किया और अच्छी बरसात के इंतजार में बिजाई कर ही नहीं पाया। क्षेत्र में मोठ ग्वार का बिजान नहीं हो पाया है और अब बाजरा भी सूख रहा है। बारानी किसानों ने बताया कि अब 2,4 दिन में अगर बरसात हुई तो भी कोई फायदा नहीं होगा और अकाल तो पड़ गया। बारानी के साथ बिजली नहीं मिलने से मूंगफली बिजान करने वाले किसान राम और राज को कोस रहें है। कृषि कुओं पर भी नागौरन हवा नुकसान पहुंचा रही है, और सिंचाई के लिए बिजली की मांग का कोहराम क्षेत्र के हर गांव में ही नहीं हर खेत मे मचा रहा है। राम और राज से रहम की दुहाई करते किसान परिवार इस कोरोना महामारी के संकटकाल में आशंकित हो गए है।