श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 दिसम्बर 2022। हमारी विचारधारा केवल सत्ता प्राप्ति की विचारधारा नहीं बल्कि किसानों, मजदूरों एवं पिछड़ों के हकों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी लालझंडे का हर एक समर्पित कार्यकर्ता उठा रहा है एवं श्रीडूंगरगढ़ कें 14 हजार से अधिक नए सदस्य बना कर लालझंडे को और अधिक बुलंद करेगें। यह बात क्षेत्रिय विधायक एवं किसान नेता गिरधारीलाल महिया ने कही और मौका था विधायक लोकसेवा केन्द्र में आयोजित अखिल भारतीय किसान सभा की जिला कमेटी की विस्तारित बैठक का। मोहनलाल भादू की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में श्रीडूंगरगढ़ के साथ साथ लूणकरणसर, बीकानेर ग्रामीण, पुगल, खाजूवाला व नोखा से किसान सभा तहसील अध्यक्ष, सचिव एवं 200 से अधिक किसान नेता भी शामि हुए। बैठक की शुरूआत पर जिला सचिव जेठाराम लाखूसर ने पिछली बैठक के लिए फैसले व आन्दोलनों की समीक्षा रिपोर्ट रखी। कालूराम थोरी ने गत 13 से 16 दिसम्बर 2022 को केरल के त्रिशूर में हुए 35वें राष्ट्रीय सम्मेलन की रिपोर्ट रखते हुए राष्ट्रीय सम्मेलन की जानकारी दी। थोरी ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन में 26 राज्यों के 800 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सम्मेलन में फसल बिमा, बिजली संशोधन बिल 2022 को रद्द करने, फसलों के भाव की गारंटी कानून बनाने, राशन वितरण प्रणाली को मजबूत करने, मनरेगा को मजबूत करने, किसान आन्दोलन के दौरान हुए मुकदमे वापस लेने, केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ फिर से आन्दोलन खड़ा करने के प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद अभाकिस के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी ने किसान सभा के इतिहास, संगठन, सदस्यता आदि के बारे में जानकारियां दी। जिलाध्यक्ष विधायक गिरधारीलाल महिया ने बीकानेर जिले में सबसे ज्यादा किसान सभा की ताकत श्रीडूंगरगढ़ में होने के कारण ही इस बार जिला कमेटी की विस्तारित बैठक श्रीडूंगरगढ़ में होने की बात कही एवं आगामी सदस्यता अभियान के तहत श्रीडूंगरगढ़ में 14 हजार, लूणकरनसर में 5 हजार, बीकानेर ग्रामीण में 5 हजार, पूगल में 1 हजार और खाजूवाला सहित जिले भर में 25 हजार से अधिक नए सदस्य बनाने का आह्वान किया। महिया ने आगामी 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड रैली निकालकर केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ की गई वादाखिलाफी के खिलाफ गुस्सा जताने का मिशन दिया। अध्यक्षिय उदबोधन में भाषण में मोहनलाल भादू ने खेती पर आए संकट से निपटने के लिए संघर्ष को ही एकमात्र रास्ता बताया। सभी वक्ताओं ने शुक्रवार को हुई बैठक में लिए गए फैसलों को क्षेत्र के हर खेत, हर ढाणी, हर गांव तक पहुंचाने और बड़े आंदोलन की तैयारी करते हुए संगठन को मजबूत करने आह्वान किया।