


श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 10 अप्रेल 2020। क्षेत्र में गुरुवार रात मुस्लिम धर्मावलंबियों ने शबे-ए-बरात का त्योहार मनाया। लॉकडाउन के चलते लोग कब्रिस्तान में नहीं जा सके पर घरों में मिठाइयां बना कर अपने पूर्वजों को याद किया व उनसे अपने घर परिवार को सलामत रखने की गुजारिश की। गुरुवार को सारी रात इबादत की रात थी और घरों में सलामती की दुआएं मांगी गई। गुरुवार को जामा मस्जिद के इमाम ने घर मे रह कर इबादत करने व लॉकडाउन का पालन करने का ऐलान करने के पश्चात लाेग कब्रिस्तान पर नहीं गए व घरों इबादत की। घरों को सजाया गया व दुआऐं मांगी गयी।


क्या है शब-ए-बरात, आप भी जाने।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला शब-ए-बरात का त्योहार इबादत, तिलावत और सखावत (दान-पुण्य) का त्योहार है। इस के लिए मस्जिदों और कब्रिस्तानों में खास सजावट की जाती है।
पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम काम है। घरों में इस त्योहार पर तरह-तरह के स्वादिष्ट मिष्ठानों पर दिलाई जाने वाली फातेहा के साथ मनाया जाता है।
सभी मुस्लिम धर्मावलंबी अपने उन परिजनों, जो दुनिया से रूखसत हो चुके हैं, की मगफिरत (मोक्ष) की दुआएँ करने के लिए कब्रिस्तान भी जाते हैं। इस रात दान का भी खास महत्व बताया गया है।