May 19, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 19 जनवरी 2022। राजस्थान के इतिहास में महाराणा प्रताप के शोर्य की गूंज आज भी जिंदा है और भारत भूमि के वीर सपूत की पुण्यतिथि के दिवस पर आज सोशल मिडिया पर प्रताप छाए हुए है। लोग उनकी शोर्य गाथा को याद कर रहें है औ गर्व महसूस कर रहें है। श्रीडूंगरगढ़ में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने श्री रघुकुल राजपूत छात्रावास में प्रताप का स्मरण किया व उनकी वीरता के किस्सों पर चर्चा की। सेना के सदस्यों सहित अनेक युवाओं ने यहां प्रताप को पुष्पाजंलि अर्पित की। इस दौरान सेना के शहर अध्यक्ष भवानीसिंह बीका, शहर मीडिया प्रभारी विश्वप्रताप सिंह पुन्दलसर, युवा मोर्चा शहर अध्यक्ष महेंद्र राजपूत, एडवोकेट रणवीरसिंह खींची, पार्षद विक्रमसिंह शेखावत तथा पार्षद श्याम पारीक, पार्षद गोपाल, बिशन सिंह जैसलसर, सादुल सिंह, सवाईसिंह भाटी, बजरंगदल अध्यक्ष दसरथसिंह बीका, पूनम सिंह केऊ, जयपाल सिंह भाटी, प्रभुसिंह पुन्दलसर, रावतसिंह झंझेऊ शामिल रहें।
मुगलों के पसीने छुड़ा दिए थे महाराणा ने, मृत्यु की खबर पर अकबर भी रो पड़े थे।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। महाराणा प्रताप ने मुगल सम्राट अकबर की सेना के साथ युद्ध किया था और उन्होंने अपने पराक्रम से मुगलों को नाकों चने चबवा दिए थे। उनकी वीरता के किस्से दुनियाभर में मशहूर हैं। इतिहास के पन्नों में अपनी बहादुरी के तमाम किस्से दर्ज कराने वाले शूरवीर सपूत महाराणा प्रताप की आज यानी 19 जनवरी को पुण्यतिथि है। महाराणा प्रताप के शौर्य और बहादुरी की मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है। बता दें महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में 9 मई, 1540 को हुआ था। वह महाराणा उदय सिंह और माता जयवंत कंवर की संतान थे। उनकी वीरता के अनेक किस्से मशहूर हैं। महाराणा प्रताप युद्ध कौशल में पारंगत होने के साथ-साथ बेहद शक्तिशाली थे। माना जाता है कि वह 7 फुट 5 इंच लंबे थे और अपने साथ हमेशा अपना मशहूर भाला और दो तलवारें रखते थे। इसके साथ ही वह 72 किलो का कवच भी धारण किया करते थे। लोक मान्यताओं की मानें तो महाराणा प्रताप हथियार, कवच और दूसरे साजो-सामान समेत कुल 200 किलो से ज्यादा वजन लेकर चलते थे।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 19 जनवरी को करनी सेना सहित अनेक युवाओं ने प्रताप की वीरता को याद किया व उन्हें नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की।

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