श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 अक्टूबर 2020।🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
🌻शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020 🌻
सूर्योदय: 🌄 06:51
सूर्यास्त: 🌅 17:50
चन्द्रोदय: 🌝 17:27
चन्द्रास्त: 🌜06:19
अयन 🌕 दक्षिणायने
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 1942
विक्रम सम्वत: 👉 2077
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि: 👉 चतुर्दशी (17:45 तक)
नक्षत्र: 👉 रेवती (14:57 तक)
योग: 👉 वज्र (27:33 तक)
प्रथम करण: 👉 वणिज (17;45 तक)
द्वितीय करण: 👉 विष्टि (पूर्ण रात्रि)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 मीन, (मेष १४:५६ से)
मंगल 🌟 मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
बुध 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त: 👉 11:57-12:45
अमृत काल: 👉 12:16 से 14:04
दिशा शूल: 👉 पश्चिम
चन्द्र वास: 👉 उत्तर 02:57 तक
राहुकाल: 👉 10:58-12:20
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर = 06:51-08:13
२ – लाभ = 08:13-09:35
३ – अमृत =09:35-10:58
४ – काल =10:58-12:20
५ – शुभ =12:20-01:43
६ – रोग =01:43-03:05
७ – उद्वेग =03:05-04:27
८ – चर =04:27-05:50
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग =05:50-07:27
२ – काल =07:27-09:05
३ – लाभ =09:05-10:43
४ – उद्वेग =10:43-12:21
५ – शुभ =12:21-01:58
६ – अमृत =01:58-03:36
७ – चर =03:36-05:14
८ – रोग =05:14-06:51
शरद पूर्णिमा विशेष
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अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व 30 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा इस व्रत में रात्रि के प्रथम प्रहर अथवा सम्पूर्ण निशीथ व्यापनी पूर्णिमा ग्रहण करना चाहिए जो पूर्णिमा रात के समय रहे वहीं ग्रहण करना चाहिए। पूर्णिमा तिथि अक्टूबर 30 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से आरंभ हो जाएगी। अगले दिन 31 अक्टूबर रात 8 बजकर 20 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।
30 अक्टूबर को पूर्णिमा तिथि आरंभ होने के कारण मध्यरात्रि में पूर्णिमा तिथि शुक्रवार के दिन रहने के कारण शरद पूर्णिमा व्रत शुक्रवार के दिन ही किया जाएगा। उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा तिथि 31 अक्टूबर, शनिवार को रहेगी जिसके फलस्वरूप स्नान दान व्रत एवं धार्मिक अनुष्ठान इसी दिन संपन्न होंगे। इस बार शरद पूर्णिमा पर अमृतसिद्धि योग बन रहा है। 30 अक्टूबर 2020 शु्क्रवार के दिन मध्यरात्रि में अश्विनी नक्षत्र रहेगा। साथ ही इस दिन 27 योगों के अंतर्गत आने वाला वज्रयोग, वाणिज्य / विशिष्ट करण तथा मेष राशि का चंद्रमा रहेगा।
(पंडित विष्णुदत्त शास्त्री)