श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 दिसम्बर 2020। पंचायत समिति श्रीडूंगरगढ़ के कर्मचारी अपने अफसरों के रवैये से और पंचायत कार्यालय की कार्यशैली से आहत है और अधिकारियों से बार बार अपनी बात कह रहें है। बता देवें की पंचायत समिति विकास अधिकारी का पद काफी समय से रिक्त है और क्षेत्रीय राजनीति का फुटबाल बना हुआ है ऐसे में पिछले दो माह से उपखंड अधिकारी के हाथों में कार्यभार है। ऐसे में ग्राम विकास अधिकारी संघ ने अपनी वाजिब मांगों पर सुनवाई नहीं होने से परेशान होकर प्रशासन को आगामी 1 जनवरी 2021 से क्षेत्र में नरेगा कार्य बंद करने की चेतावनी दे दी है। विदित रहे कि नरेगा कार्यों में कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे है एवं इस बाबत ग्राम विकास अधिकारियों ने कई बार पूर्व में ज्ञापन दिया है। हालांकि इस संबध में एसडीएम ने भी पंचायत समिति के सहायक अभियंता को गत 3 दिसम्बर को आदेश जारी कर प्रभारी अधिकारी बनाया एवं 7 से 11 दिसम्बर के तक पंचायत समिति कार्यालय में ही विशेष कैम्प लगा कर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने को कहा था। लेकिन सहायक अभियंता द्वारा इन पत्रावलियों पर हस्ताक्षर करने के बजाए ग्राम विकास अधिकारियों को रिकवरी निकालने एवं उच्चाधिकारियों से जांच करवाने का भय दिखा कर धमका दिया। ऐसे में अब ग्राम विकास अधिकारी भी आंदोलन का मन बना चुके है एवं प्रशासन को पत्र देकर आगामी 1 जनवरी से नरेगा बंद करने की चेतावनी दे चुके है। ग्राम विकास अधिकारियों की समस्याओं का आलम यह है कि उन्हे पंचायत समिति के कर्तव्य क्षेत्र के कार्य भी करने पड़ रहे है। क्षेत्र में नरेगा में प्रशासनिक मद में करवाने जाने वाले कार्य मस्टररोल, वैजलिस्ट, 1 व 4 नम्बर रजिस्टर आदि प्रिंट करवाने, 6 नम्बर फॅार्म ऑनलाईन करवाने आदि कार्य भी पिछले तीन वर्षों से ग्राम पंचायत ही अपने स्तर पर करवा रहें है। संघ ने कहा कि बिल पंचायत समिति कार्यालय को दिए हुए है और उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। संघ ने कहा कि क्षेत्र में ग्राम विकास अधिकारियों को सर्वाधिक मानसिक शोषण हो रहा है और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है ऐसे में आंदोलन ही आखिरी रास्ता बचा है।