श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 26 अगस्त 2020। कोरोना वायरस ने हम सभी की ज़िंदगी को बदल कर रख दिया है। न सिर्फ हमारी निजी ज़िंदगी बल्कि रिश्तों को भी प्रभावित किया है। ऐसे भयानक काल में ज़रूरी है ये जानना कि महामारी के इस दौर में हम ख़ुद को और अपने परिवार को कैसे बचाएं और कैसे सुरक्षित रखें। हम दे रहे हैं कुछ ऐेसे टिप्स जो आपके काम आ सकते हैं।
ख़ुद को कैसे सुरक्षित रखें?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, कोरोना वायरस से ख़ुद को बचाय रखने का सबसे बेसिक और महत्वपूर्ण उपाय है कि हम सफाई से रहें। इस काल में साफ-सफाई का ध्यान रखना सबसे अहम काम है।
अपने हाथों को दिन में कई बार धोएं। खासकर कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएं या आप चाहें तो एक अल्कोहॉल बेस्ड सैनीटाइज़र से भी हाथों को साफ किया जा सकता है। सैनीटाइज़र को हाथों पर अच्छी तरह लगाएं। इससे अगर आप के हाथ पर वायरस मौजूद हुआ भी तो ख़त्म हो जाएगा।
क्या हैं इसके लक्षण और बचाव
इसके शुरुआती कुछ लक्षण आम फ्लू जैसे हैं। सूखी खांसी, बुख़ार, कफ, ज़ुकाम, सांस में तकलीफ, गंध और स्वाद का न महसूस होना और डायरिया। इस खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें। हम अपने हाथ से कई सतहों को छूते हैं और इस दौरान संभव है कि हमारे हाथ में वायरस चिपक जाए। अगर हम उसी अवस्था में अपने नाक, मुंह और आंख को छूते हैं तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है।
क्या ग्लव्स और मास्क वायरस से बचा सकते हैं?
अगर आप किसी ऐसे मास्क का इस्तेमाल करते हैं, जो एकदम साधारण है और जिसे आपने सुपर मार्केट से ख़रीदा था, तो वो आपके लिए मददगार नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये मास्क काफी ढीले होते हैं और इससे मुंह और नाक को सुरक्षा नहीं मिलती। साथ ही इन्हें बहुत लंबे वक्त तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
यहां ये याद रखने की ज़रूरत है कि कोरोना वायरस के जितने मामले अभी तक सामने आए हैं उनमें से ज़्यादातर ऐसे मामले हैं, जिसमें संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नज़र नहीं आए, लेकिन जब उनका टेस्ट किया गया, तो वे पॉज़ीटिव पाए गए। ऐसे में अगर आप मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो कोई बुराई नहीं है।
ग्लव्स की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आप ग्लव्स का इस्तेमाल करते हैं, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आप कोरोना वायरस से बच जाएंगे। WHO का कहना है कि रोज़ाना साबुन से हाथ धोते रहना ग्लव्स की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कारगर है।
हम वायरस को फैलने से कैसे रोक सकते हैं?
अगर आप छींक रहे हैं या फिर खांस रहे हैं तो अपने मुंह के सामने टिशु ज़रूर रखें और फिर उसे डस्टबिन में फेंक दें। अगर आपके पास उस वक्त टिशु न हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें। अगर आप टिशु को डिस्पोज़ नहीं करेंगे, तो इसमें मौजूद वायरस दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
यही वजह है कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने को कहा जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को एक-दूसरे से कम से कम 6 मीटर दूर रहने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा लोगों को सलाह दी गई है कि वे ज़्यादा से ज़्यादा समय अपने घरों में बिताएं और जब तक बहुत ज़रूरी न हो घर से बाहर न निकलें, ताकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचा जा सके।
इन सबके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह बेहद ज़रूरी है कि लोग हाथ मिलाने से परहेज़ करें और इसके बजाय ‘सेफ़-ग्रीटिंग’ जैसे नमस्ते या फिर कोहनी के इस्तेमाल या दूसरे तरीके से अभिवादन करें।
अगर मुझे संक्रमण हो जाए तो कैसे पता चलेगा?
कोरोना वायरस संक्रमण का प्रमुख लक्षण बुखार और सूखी खांसी आना प्रमुख कारण हैं। अगर आपको ये दोनों लक्षण नज़र आ रहे हैं तो बेशक आपको सावधान होने की ज़रूरत है।
इसके अलावा गले में ख़राश, सिर दर्द, डायरिया जैसे लक्षण भी कुछ मामलों में पाए गए हैं। कुछ मामलों में लोगों ने शिकायत की है कि उनके मुंह का स्वाद भी चला गया। कुछ ने गंध न महसूस होने की भी शिकायत की है। इसके अलावा डायरिया, आंख में इंफेक्शन भी कोरोना के लक्षणों में से एक है। हालांकि कई मामलों में मरीज़ों में, कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं देखा गया है।
अगर लक्षण दिखें, तो मुझे क्या करना चाहिए?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आपको ख़ुद में ऐसे लक्षण नज़र आ रहे हैं तो घर में रहें। अगर लक्षण बेहद कम भी हैं तो भी पूरी तरह ठीक होने तक घर पर ही बने रहें और किसी से भी न मिलें। यहां तक कि अपने परिवार से भी अलग होकर दूसरे कमरे में रहें।
ये याद रखना ज़रूरी है कि कोविड-19 के 80 फीसदी मामलों में संक्रमण के लक्षण बेहद कम हैं। ऐसे में यह ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है कि आप दूसरों के संपर्क में आने से बचें। अगर बुख़ार और खांसी लगातार बढ़ रही है और सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है तो अब आपको मेडिकल सलाह लेने की ज़रूरत है। हो सकता है कि इसकी वजह कोरोना संक्रमण हो भी और नहीं भी।
पहले से ही अपने स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले शख़्स से संपर्क में रहें, ताकि आपको सही समय पर सही इलाज और सलाह मिल सके।
कितना ख़तरनाक है कोविड-19?
मेडिकल जर्नल द लांसेट इंफेक्शियस डिज़ीज़ में छपी एक नई रिसर्च के मुताबिक़, कोविड 19 के मरीज़ों में 0.66 प्रतिशत लोगों के ही मरने की आशंका होती है। यह सामान्य फ्लू से होने वाली मौतों से सिर्फ़ 0.1% ही अधिक है।
इसके साश ही इस बात का ज़िक्र करना ज़रूरी हो जाता है कि अभी तक हमें मौत के सिर्फ वही मामले पता हैं, जो अस्पताल में हुई हैं। इस बात की पूरी आशंका है कि मौत का आंकड़ा इससे कहीं ज़्यादा होगा, ऐसे में पुख्ता तौर पर कहना थोड़ा मुश्किल है।
क्या इसका कोई इलाज संभव होगा?
फिलहाल कोरोना वायरस के लिए न तो कोई ख़ास दवा मौजूद है और न ही वैक्सीन। ट्रीटमेंट के विकल्प हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग ख़ुद ही ठीक हो जाते हैं। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस के लिए वैक्सीन ईजाद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी इनके ट्रायल किए जाएंगे और उसके बाद ही कहीं जाकर कुछ स्पष्ट हो सकेगा लेकिन अभी इसमें वक़्त लगेगा।
मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाए रखें?
महामारी के इस दौर में मानसिक तनाव होना आम बात है। खासकर लॉकडाउन और फिर सोशल डिसटेंसिंग के दौरान कई लोग बेचैनी महसूस करते हैं, तनाव, परेशान, दुखी और अकेला महसूस कर रहे हों। इसके लिए ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस ने दस टिप्स दिए हैं जिससे आप अपने मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रख सकते हैं।
– अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ फोन, वीडियो कॉल या फिर सोशल मीडिया के ज़रिए संपर्क में रहें।
– उन चीज़ों के बारे में बात करते रहें जिससे आपको परेशानी हो रही हो।
– दूसरे लोगों को भी समझने की कोशिश करें।
– अपनी नई जीवशैली को अच्छे तरीके से प्लान करें।
– अपने शरीर का ध्यान रखें। नियमित व्यायाम और ख़ान-पान का ध्यान रखें।
– आप जहां से भी जानकारियां ले रहे हों ध्यान रखें कि वे क्रेडिबल सोर्स हों।
– हो सके तो इस महामारी के बारे में बहुत अधिक न पढ़ें।
– अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखें।
– वर्तमान पर फोकस करें और यह याद रखें कि यह समय हमेशा नहीं रहेगा।
– पूरी नींद दें और स्वस्थ खाना खाएं।