देश और दुनिया के लिए कैसा रहेगा नव संवत् 2081 जानें क्षेत्र के ज्योतिषियों के साथ

श्री डूंगरगढ़ टाइम्स 9 अप्रेल 2024। क्षेत्र के राजगुरु पंडित देवीलाल रामदेव उपाध्याय ने बताया कि दिनांक 9 अप्रैल 2024 मंगलवार से नव संवत् 2081आरंभ होने जा रहा है आईए जानते हैं दिनांक 29 मार्च 2025 शनिवार तक रहने वाला यह संपूर्ण नववर्ष देश और दुनिया के लिए कैसा रहेगा ?
1. राजनैतिक एवं आर्थिक स्थिति
राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार नववर्ष राजनैतिक, सामाजिक और विविध व्यवहारिक दृष्टिकोण से सामान्य ही रहने का संकेत प्रदान कर रहा है। नववर्ष आर्थिक संपदा, मुद्राकोष, बैंक संभाग की दृष्टिकोण से नए सूत्रों का निर्धारण तथा आर्थिक लेनदेन जगत में नए नियमों के कारण आर्थिक क्षेत्र में गिरावट रहने का संकेत प्रदान कर रहा है।

2. शिक्षा -स्वास्थ्य उपाध्याय ने बताया कि नव वर्ष ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार देश व दुनिया में शिक्षा और स्वास्थ्य का क्षेत्र सामान्यतः कमजोर ही रहने का संकेत प्रदान कर रहा है। इस वर्ष ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आश्विन मास जनता के स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से कष्टप्रद ही रहने का संकेत प्रदान कर रहा है।

3.वर्षा /धान्य/व्यापार- आचार्य राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय के अनुसार इस वर्ष कालयुक नामक संवत्सर के स्वामी केतु होने के कारण व्यापार क्षेत्र में मंदी का दौर देखने को मिल सकता है। इस वर्ष मानसून भी मध्यम ही रहने के आसार प्रतीत हो रहे हैं। किसान वर्ग के लिए ज्येष्ठ मास में धान्य संग्रह करना लाभप्रद रहेगा। व्यापारिक दृष्टिकोण से यह वर्ष निराशाजनक ही रहने के आसार हैं। आचार्य के अनुसार इस वर्ष कृषि विकास हेतु जल आपूर्ति सामान्य ही रहने के आसार है।

4.तेजी-मंदी- आचार्य के अनुसार इस वर्ष ज्योतिष की गणनाओं के अनुसार सम्पूर्ण वर्ष अन्न, पशु एवं धातुओं के भाव में घटत- बढ़त की प्रक्रिया चलती रहने के असर के साथ ही आश्विन मास में अन्न में तेजी, धातुओं में मंदी के आसार प्रतीत हो रहे हैं। पशुओं के स्वास्थ्य में भी पीड़ा उत्पन्न होने के आसार प्रतीत हो रहे हैं।

आचार्य ने बताया कि इस दौरान कार्तिक से फाल्गुन तक के समय में राज विग्रह, पशुओं में पीड़ा जैसे संकट उत्पन्न होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इस दौरान वृक्षों में फलों की कमी भी देखने को मिल सकती है।

5. सुकाल (जमाना)- राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष सिद्धार्थ संवत्सर के स्वामी रवि होने से जमाना श्रेष्ठ रहने के आसार प्रतीत हो रहे हैं इस दौरान पृथ्वी पर अन्न व जल की स्थिति श्रेष्ठ ही रहने की संभावनाएं बन रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पशु व अन्न में तेजी रहने के आसार हैं। भाद्रपद मास में वर्षा, कार्तिक मास में अच्छी पैदावार के भी शुभ संकेत मिल रहे हैं। किंतु कार्तिक मास में अन्न के भावों में मंदी देखने को मिल सकती है। मार्गशीर्ष से फाल्गुन तक का समय अत्यंत शुभ रहने की भी संकेत मिल रहे हैं जनता के लिए यह समय सुखद रहने का संकेत मिल रहा है। इस दौरान किसानों को धान्य की प्राप्ति होने के साथ ही पशुओं के भाव में तेजी रहने के भी संकेत मिल रहे हैं।

6. शनि देव उत्पन्न करेंगे कष्ट काल
आचार्य राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को प्रधानमंत्री पद प्राप्त होने के कारण जनता में व्यावहारिकता एवं आत्मविश्वास की कमी देखने को मिल सकती है। इस दौरान जनता में रकम लेन-देन करते समय भ्रष्ट आचरण की मनोवृत्ति रहने की संभावनाएं बन रही है। इस वर्ष विश्व में अग्निवात, अग्नि पीड़ा, आगजनी आदि विस्फोटक घटनाएं घटित होने की भी संभावनाएं उत्पन्न हो रही है। इस दौरान पशु खाद्य आहार के भावों में तेजी रहने के आसार प्रतीत हो रहे हैं।

7.कृषि क्षेत्र एवं किसान आंदोलन-
राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सस्य विभाग मंगल तथा धान्य विभाग रवि के अधीन होने के कारण इस वर्ष देश में किसान आंदोलन जैसी परिस्थितियों उत्पन्न होने के आसार प्रतीत हो रहे हैं। इस दौरान आलू, अरबी, प्याज,लहसन,असगंध, अदरक, सकरकंद, मूली, गाजर, जमीकंद, शलगम, रतालू, चकुंदर आदि का व्यवसाय लाभप्रद रहने के आसार है। किसान वर्ग के लिए मेहनत के अनुरूप लाभ मिलने में कमी रहने की संभावनाएं बन रही है।

8.डेयरी फार्म- आचार्य राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार मेघनायक का पद शुक्र के पास होने के कारण स्त्री पुरुषों में भोग विलास कामना का विशेष प्रचलन रहने के आसार प्रतीत हो रहे हैं। इस वर्ष डेयरी फार्म, मत्स्य (मछली) उद्योग, कुक्कुट पालन हेतु पालकों को राजकीय योगदान प्राप्त होने के आसार प्रतीत हो रहे हैं।

9.लाभप्रद व्यापार –
राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष ज्योतिषीय गणना अनुसार रसेश विभाग देवगुरु बृहस्पति एवं नीरसेश विभाग मंगल के पास होने के कारण इस वर्ष व्यापारियों के लिए गुड़,खांड, शक्कर,घी, सभी प्रकार के तैल, रस, दूध, मूंग, मसूर, लाल मिर्च, लाल चंदन, सफेद चंदन, तांबा, कोयला, हल्दी, नींबू आदि सभी प्रकार के खनिज पदार्थ संबंधित व्यापार लाभप्रद रहने के आसार प्रतीत हो रहे है।
b.लाभप्रद व्यापार- आचार्य राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष ज्योतिषीय गणना के अनुसार धन सम्पदा, मुद्रा कोष, वित्त विभाग चंद्र देव को प्राप्त होने से तिलहन, सूत, कपास संबंधित व्यापारियों को भी विशेष लाभ प्राप्त होने की संभावनाएं बन रही है।

10. धन संपदा, मुद्रा कोष, वित्त विभाग- राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार धन संपदा, मुद्रा कोष, वित्त विभाग अमृत रश्मि प्रदायक चंद्र देव को प्राप्त होने के कारण निर्धन एवं मध्यम वर्ग के लोगों को सरकारी ऋण के सहयोग से आर्थिक परियोजनाओं में विस्तार करने का अवसर प्राप्त होने का शुभ संकेत प्राप्त हो रहा है अर्थात् कुल मिलाकर मध्यम एवं निर्धन वर्ग के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से यह वर्ष शुभ फल प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।

11.जल-थल-नभ रक्षा विभाग-
आचार्य राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय के अनुसार इस वर्ष रक्षा विभाग(जल-थल-नभ) आण्विक शक्ति पद का कार्य प्रभार दैत्य गुरु श्री शुक्र देव को प्राप्त होने से भारतीय वैज्ञानिकों के लिए अपनी शोध संस्थान की चमत्कृति विश्व पटल पर अंकित करके विश्व स्तर पर सम्मान प्राप्ति का शुभ अवसर प्राप्त हो सकता है। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार एवं नवनिर्माण के साथ ही यातायात सुविधाओं में विकास की प्रबल संभावनाएं प्रतीत हो रही है। देश -विदेश के अधिनायकों के द्वारा संधि प्रस्ताव एवं राजनयिक वार्ता का सूत्रपात बनने के भी प्रबल आसार प्रतीत हो रहे हैं। इस दौरान आंतकवाद निवारण हेतु विकसित देश एवं विकासशील राष्ट्र प्रमुखों का सामूहिक योगदान चरितार्थ रहने के भी प्रबल आसार हैं।

12. अग्निकांड एवं विस्फोट से हो सकती है जन- धन की क्षति-
राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष वर्ष नाम कार्तिक संज्ञा का गुरु वत्सर गणना नियामक से बना है जिसके अनुसार कार्तिक संज्ञा का गुरु इस वर्ष सुख- सुविधा का विधायक नहीं है। इस वर्ष मदिरालय, सुरापन, मादक पदार्थ, शराब विक्रेताओं को व्यापार में आर्थिक लाभ मिलने की संभावनाएं प्रतीत हो रही है। पशुपालकों के लिए यह वर्ष कष्टप्रद रहने की संभावनाएं प्रतीत हो रही है। इस दौरान पशुपालकों को आय के अनुपात में अधिक संघर्ष एवं लाभ का अनुपात कमजोर ही रहने के आसार हैं।

उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष अस्त्र-शस्त्र भंडार में विस्फोट तथा अग्निकांड जैसी दुर्घटनाएं घटित होने की भी संभावनाएं उत्पन्न हो सकती है इस दौरान किसी बड़े आर्थिक नुकसान के साथ जन हानि होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता ‌है।

राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय (ज्योतिष विद्)
9414429246

राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय
(शास्त्री -आचार्य)
9829660721