श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 जनवरी 2021। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में भले ही जनता ने भाजपा को 40 में से 23 सीटों के रूप में स्पष्ट बहुमत दे दिया है लेकिन भाजपा संगठन के प्रबंधन की असली अग्नि परीक्षा अब शुरू होगी। क्योंकि भाजपा में अंदरखाने चल रही पालिकाध्यक्ष की दौड़ अगर चरम पर पहुंचती है एवं गुटबाजी में मामला उलझ जाता है तो 23 सीटें जीत जाने के बाद भी सात फरवरी को भाजपा का पालिकाध्यक्ष बने यह निश्चित नहीं कहा जा सकता। क्योंकि अगर पालिकाध्यक्ष बनने की यह दौड़ गुटबाजी में बंट जाती है तो शायद कांग्रेस अपने 14 सदस्यों के माध्यम से ही अपना बोर्ड बना ले। और कांग्रेस इसी उम्मीद में बहुमत से कहीं दूर के आंकडे पर सिमट जाने के बाद भी अपने सभी 14 पार्षदों को सुरक्षित बाडेबंदी में रखे हुए है। भाजपा में पालिकाध्यक्ष पद की दौड़ सीधे सीधे समाजसेवी से भाजपा नेता बने जुगलकिशोर तावणियां की पुत्रवधु प्रीति शर्मा एवं पूर्व पालिकाध्यक्ष रामेश्वरलाल पारीक के छोटे भाई अरूण पारीक के बीच है। पारीक को जहां भाजपा संगठन में रामेश्वरलाल पारीक की प्रभावी भागीदारी एवं भाजपा देहात जिलाध्यक्ष के नजदीकी होने का लाभ माना जा रहा है वहीं प्रीति शर्मा के ससुर जुगलकिशोर तावणियां द्वारा यह चुनाव पार्षद के बजाए पालिकाध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में ही लड़ा गया था। तावणियां द्वारा चुनाव में भाजपा के कई प्रत्याशियों को आर्थिक सहयोग भी चुनाव लड़ने के लिए दिए जाने की बातें भी अंदरखाने से चर्चा में बाहर आ रही है। इस बार पालिकाध्यक्ष पद सामान्य होने के कारण अरूण पारीक के पक्ष का तर्क दिया जा रहा है वहीं प्रीति शर्मा के पक्ष में महिला शक्ति को सम्मान देने का तर्क दिया जा रहा है। जुगलकिशोर तावणियां द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को कोरोना काल में पीएम केयर फंड में 11 लाख का चैक दिए जाने के फोटो सामने आने के बाद उनकी नजदीकियां भी चर्चा में है वहीं आगामी विधानसभा चुनाव में उनके संभावित दावेदार होने की संभावना के कारण उनके विरोधी भी सक्रिय हो गए है। पालिकाध्यक्ष बनने की इस दौड़ में बैसाखी बनेगा पालिका उपाध्यक्ष का पद, और पालिकाध्यक्ष सामान्य होने के बाद उपाध्यक्ष पद पर ओबीसी के कई दिग्गज नेता अपना दावा कर रहे है। लगातार पार्षद बनते आ रहे भाजपा के नेता विनोद गिरी गुंसाई हो या प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामगोपाल सुथार के पुत्र भरत सुथार। सभी अपने अपने गुट के हिसाब से अपनी अपनी गणीत बिठा रहें है। देखना यह है कि पालिकाध्यक्ष पद की इस नूरा कुश्ती में कौन किसे पटखनी दे पाता है और कौन किस गुट में आकर अपना पाला बदलता है।