श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 20 जनवरी 2025। कम दहेज देकर समाज में नाक कटवा देने का ओलमा देते हुए आज भी अनेक विवाहिताओं को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के कई मामले सामने आते रहते है। ऐसे में समाज में दहेज को ना कहकर पुत्रवधू को लक्ष्मी मान कर अपने परिवार में शामिल करने वाले लोगों की अनुकरणीय मिसाल भी समाज के सामने कई बार प्रस्तुत होती है। ऐसा ही एक प्रेरणीय विवाह गांव बिग्गा के भंवरलाल तावणियां के पौत्र व नंनदलाल तावणियां के पुत्र प्रकाश का संपन्न हुआ है। प्रकाश का विवाह गांव हेमेरा के एक सारस्वत परिवार में हुआ है। तावणियां परिवार ने सादगी के साथ बिना दहेज विवाह की बात रखी तो वधू परिवार के लोगों ने इसे स्वीकार किया। विवाह पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ बिना किसी दिखावे के एक रूपए व नारियल का शगुन लेकर संपन्न किया गया। वर पक्ष के परिवार ने दहेज को सामाजिक बुराई बताते हुए, महिलाओं व उनके परिवारों पर अनावश्यक आर्थिक दबाव डालने वाला बताया। उनके द्वारा समाज को दिए गए इस संदेश की वधू पक्ष के सभी लोगों सहित हेमेरा व बिग्गा गांव में भी सराहना की गई। वधू पक्ष के लोगों ने इसे समाज में बदलाव की शुरूआत कहा। भाजपा नेता बृजलाल तावणियां ने इस कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए दोनों पक्षों को बधाइयां दी। तावणियां ने कहा कि विवाह दो परिवारों का मिलन उत्सव है और समाज को ये प्रयास करना चाहिए कि रिश्ते धन के लेन देन से नहीं बल्कि विश्वास, प्रेम व सम्मान से बनते है। तावणियां ने वर्तमान समय में दहेज प्रथा को समाप्त करने की जरूरत जताई व ऐसे में तावणियां परिवार की इस पहल की सराहना करते हुए लोगों को इससे प्रेरणा लेने की बात कही।