श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 20 अक्टूबर 2021। नगरपालिका में जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों के अधिकारों के अतिक्रमण की कसमसाहट तीन दिन से चल रही थी और आज खुलकर सामने आ गयी है। पालिका प्रशासन की शिकायतें बार बार होती रही है तथा इए बार नौकरशाही पर मनमाने ढंग से चल कर करोड़ो का भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे है। आरोप गंभीर विषय है क्योंकि पालिका उपाध्यक्ष, सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षद मिल कर लगा रहें है। आज पार्षदों ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कर पार्षदों के अधिकारों पर कुठाराघात करने व भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए ईओ व जेईएन के खिलाफ शिकायती पत्र दिया है। वर्षों से कस्बे में पालिका ने मनमाने ढंग से भ्रष्ट ढर्रा चलाया है जिससे आम जनता परेशान ही नहीं त्रस्त हो गई है। पार्षदों ने जिलाकलेक्टर को पत्र लिखा कि 18 अक्टूबर को पत्र लिखकर बताया कि पालिका भवन में जन स्वास्थ्य व स्वच्छता समिति की बैठक समिति अध्यक्ष बंशीधर सुथार (उपाध्यक्ष नगरपालिका श्रीडूंगरगढ़) की अध्यक्षता में बुलाई गई। बैठक प्रारंभ होने पर अधिशाषी अधिकारी भवानी शंकर और जेईएन भरत गौड़ को सम्बंधित फाइलें लेकर बुलाया गया तो अधिकारियों ने कहा कि आप हस्ताक्षर करके जाओ बैठक इतनी ही होती है। जब पार्षद भरत सुथार, ललित कुमार सारस्वत, श्याम सुन्दर दर्जी, युसुफ चुनगर, पार्वती माली, परसराम जागीरदार बैठक में संबंधित फाइलें उपलब्ध करवाने की मांग की तो दोनों ने साफ शब्दों में मना कर दिया। सभी जनप्रतिनिधियों ने चार बजे से सात बजे तक इंतजार किया परंतु ना तो अधिकारी बैठक में आए और ना ही उन्होंने फाइलें दी। इस पर पार्षदों ने जबरदस्त रोष प्रकट करते हुए करोड़ों के घोटाले के आरोप लगाए है। पार्षदों ने एक एक बिन्दुवार करोड़ों रूपए के घोटाला करने का आरोप अधिकारियों पर लगाया है। बता देवें श्रीडूंगरगढ़ पालिका भ्रष्टाचार का गढ़ रहा है और विधानसभा तक आरोप लगें है।