श्रीडूंगरगढ टाइम्स 3 फरवरी 2020। चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि फूलों के मकरंद और फूल वाले पौधों से बने तरल पदार्थ से कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है। इसके बाद इस परंपरागत दवा को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके तुरंत बाद इसको लेकर संदेह भी पैदा होने लगे।
देश में कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने के साथ लोग दवा की दुकानों पर शौनघुआंगलियान के लिए कतारबद्ध हो गए। सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने शुक्रवार को खबर दी कि प्रतिष्ठित चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस ने पाया कि इस तरल से विषाणु को रोका जा सकता है।
ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि सर्जिकल मास्क पहने लोग रात के वक्त दवा दुकानों के बाहर लंबी कतारों में इस दवा को हासिल करने की उम्मीद में खड़े हैं। जबकि आधिकारिक रूप से उन्हें सलाह दी गई है कि एक जगह एकत्रित होने से बचें ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
यह दवा जल्द ही दुकानों और ऑनलाइन बिक गई लेकिन चीन की सोशल मीडिया पर जानकारी दी गई कि इसका अपेक्षित प्रभाव नहीं हुआ।