September 15, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 8 अगस्त 2024। कोरोना ने मेट्रो सिटी में रहने वाले लोगों का ही नहीं वरन कस्बाई इलाकों में भी रहन सहन व खान पान में खासा परिवर्तन आया है। इस दौरान लोगों ने हैल्दी खाने ओर ध्यान देना प्रारंभ किया है। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स की इस विशेष रिपोर्ट में आप भी पढ़े क्षेत्रवासियों के रोजमर्रा के जीवन में धीरे धीरे आ रहें परिवर्तन के बारे में विस्तार से:-

फूल मखाने का बढ़ा प्रयोग।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कस्बे के बाजार में गत दो वर्षों में फूल मखाने का प्रयोग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया है। बाजार एनालिसिस के अनुसार वर्ष 2020 से 21 व 22 तक फूल मखाने का प्रयोग प्रतिमाह करीब 10 किलो था वहीं आज 2023-24 में इसकी खपत व प्रयोग पांच क्विंटल तक प्रतिमाह बढ़ गया है। ये गत वर्षों से 50 खपत बढ़ी है जो बाजार में किसी भी चीज की सर्वाधिक है।

आसमान छू रही फुलमखाने की रेंट भी..

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। फूल मखाने की रेट 2020 से 22 तक मात्र 340 से 360 रूपए प्रति किलो थी। 2023 में खपत के साथ भाव भी बढ़ने लगे। वहीं अगस्त माह के दूसरे सप्ताह में ये भाव बढ़कर 1200 रूपए प्रति किलो तक हो गया। ये भाव 400 प्रतिशत तक बढ़ गया है। गुरूवार, 8 अगस्त को भाव में गिरावट आई और फूलमखाने 920/- से 1000/- प्रतिकिलो आया है। व्यापारियों ने बताया कि अभी फूलमखाने की सीजन आ रही है व इसकी आवक शुरू हो रही है जिससे भाव उतरे है। परंतु ऑफ सीजन होने के साथ भाव फिर आसमान छुने लगेंगे।

फूल मखाना है सेहत के लिए फायदेमंद, बताया वैद्य पीडी स्वामी ने..

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। हाल ही में फूलमखाने का प्रचार हेल्दी स्नैक्स के रूप में खूब हुआ है। प्रख्यात वैद्य पी.डी. स्वामी ने बताया कि बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए मखाना एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। ये फाइबर व कैल्शियम से भरपूर है और जोड़ों के दर्द में भी फायदा पहुंचाता है। इससे पाचन सुधरता है और किडनी भी मजबूत होती है। यह अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जिससे दिल व मांसपेशियों को मजबूत करता है। आज की तनाव भरी लाइफ में ये स्ट्रेस फ्री भी करता है। रात को एक गिलास दूध के साथ मखाना लेने से नींद अच्छी आती है।

घरों में बढ़ रहा है फूल मखाने का प्रयोग, क्या कहा महिलाओं ने..

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। घरों में फूल मखाने का प्रयोग बढ़ रहा है। विभिन्न परिवारों में नित्य प्रयोग में आने वाला ड्राई फ्रुट बन गया है। मंजूला जैन पत्नी केएल जैन ने बताया कि सेहत के लिए इसके लाभ जानकर हमने फूलमखाने का प्रतिदिन प्रयोग प्रारंभ कर दिया है। इसकी ग्रेवी के साथ सब्जी या फ्रॉइ करने के साथ काली मिर्च, काला नमक लगाकर मजेदार स्वाद के साथ बच्चे पसंद करते है। वहीं रेखा जोशी पत्नी श्यामसुंदर जोशी ने बताया कि व्रत उपवास में घी में फ्रॉइ कर घर में इसका प्रयोग करने लगे है। वहीं कैल्शियम का स्त्रोत होने के कारण बच्चों को भी खिलाने का प्रयास करते है। सराजे वर्मा पत्नी विनोद वर्मा ने बताया कि कुछ वर्षों पहले फूल मखाने का प्रचलन रसोई में नहीं था परंतु अब हर माह की लिस्ट में ये भी शामिल होता है। निर्मला पत्नी सत्यनारायण स्वामी ने बताया कि पढ़ाई व नौकरी के तनाव को कम करने के लिए बढ़ते बच्चों के लिए फूलमखाने उपयोगी है। साथ ही इनका टेस्ट बच्चों को खासा पसंद आने लगा है तो प्रयोग भी होने लगा है। बता देवें कस्बाई जीवन में फूलमखाने का प्रयोग भी शामिल हो गया है।

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