April 25, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 19 फरवरी 2021। आज एक दादा के बुढ़ापे का सहारा बाल बाल बच गया और रो-रोकर बेहाल बुजुर्ग की आस्था भी टूटने से बच गई। ये बुजुर्ग डॉक्टरों को भगवान का रूप बताते हुए उन्हें खूब आशीर्वाद दे रहें थे। आज गांव ठुकरियासर में रामलाल जाट का पोता सुरेंद्र खेलते हुए पानी की कुंड में गिर गया और वे बेतहाशा दौड़ते हुए उसे लेकर श्रीडूंगरगढ़ के एक निजी अस्पताल पहुंचे। यहां मिले नकारात्मक जवाब से रामलाल बेहाल हो गया क्योंकि बालक के पिता चैनाराम जाट 2 वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में अपना जीवन गवां चुके थे। पोते को देख कर रामलाल की आंखों में वो दर्द सजीव हो उठा। वहीं उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता अशोक झाबक ने ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. संतोष आर्य को फोन किया व रामलाल गोदारा के साथ बालक सुरेंद्र को श्रीडूंगरगढ़ राजकीय अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉ. आर्य भी तुरंत पहुंचे व बच्चे का उपचार प्रारंभ किया। करीब डेढ़ घंटे बाद बच्चे को खतरे से बाहर बताया गया तो दादा ने अपने पोते का मुख देख कर राहत की सांस ली। बच्चे ने आंखे खोली तो दादा ने डॉ.आर्य व डॉ. ओ.पी. स्वामी सहित स्टॉफ को खूब आशीर्वाद दिया। रामलाल ने कहा कि डॉ. भगवान का रूप ही है जिसने मेरे पोते के प्राण लौटा लिए। अशोक झाबक ने भी इस सक्रियता के लिए डॉक्टरों का आभार प्रकट किया।

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