May 20, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 29 मार्च 2023। आरटीएच बिल के विरोध में 18 मार्च से चल रही निजी चिकित्सकों की हड़ताल, सरकारी चिकित्सकों की 2 घंटे कार्य बहिष्कार से ही क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था बेहाल थी और बुधवार को तो सरकारी चिकित्सकों के पूर्ण कार्य बहिष्कार के कारण श्रीडूंगरगढ़ में भी चिकित्सा व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। श्रीडूंगरगढ़ के राजकीय चिकित्सालय में हजारों मरीजों की भीड़ लगी है जिन्हें वहां एक होम्योपैथी डॉक्टर व दो प्रोबेशनरी मेडिकल ऑफिसर के भरोसे संभालने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में क्षेत्र के मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए परेशान हो रहें है। बता देवें आज राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध तेज हो गया है और आज राज्य भर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स व डॉक्टर भी इसमें शामिल हो गए है। वहीं ब्लॉक सीएमओ डॉ जसवंत सिंह बेनीवाल ने टाइम्स को बताया कि एक होम्योपैथी डॉक्टर अभिषेक व सेरूणा पीएचसी से एमओ डॉ माधुरी तथा पूनरासर से एमओ डॉ प्रतिभा को व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किया गया है। बेनीवाल ने बताया कि मोमासर में भी एक डॉ की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों से हैड क्वार्टर पर रहने और इमंरजेसी में मानवता के नाते मदद की अपील की गई है। उन्होंने बताया कि सभी ग्रामीण पीएचसी में भी नर्सिंग स्टाफ को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दे दिए गए है जिससे नागरिकों को कोई परेशानी नहीं हो।

ओपीडी 1000 पार, सलाह मशवरों और झोलाझाप के चंगुल में रोगी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अकेले श्रीडूंगरगढ़ के राजकीय हॉस्पिटल में रोगियों के पहुंचने के पीक टाइम सुबह 9 से 11 के बीच डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर चल रहे थे। ऐसे में अधिकांश रोगी कंपाऊडर, दवाइयों की दुकानों पर काम करने वाले दुकानदारों, स्टाफ आदि की सलाह पर ही दवाइयां ले रहे या झोलाछाप चिकित्सकों के चंगुल में फंस रहे है। पीक टाइम में ओपीडी के अलावा भी श्रीडूंगरगढ़ हॉस्पिटल में ओपीडी 1000 के पार जा रही है। यह हाल तो तब है जब अधिकांश रोगी भीड़, अव्यवस्था और इंतजार के कारण इधर उधर से अपना इंतजाम कर रहे है। ऐसे में क्षेत्र में लोग खासे परेशान हो रहें हैं।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। दो प्रोबेशन डॉक्टरों के भरोसे चिकित्सा व्यवस्था संभालने का प्रयास।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। होम्योपैथी डॉक्टर अभिषेक दे रहें है मरीजों को दवाएं।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे अस्पताल, डॉक्टरों की हड़ताल से बेपटरी हुई चिकित्सा व्यवस्था।

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