श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 फरवरी 2022। जब हम अपने आसपास के समाज में नकारात्मक घटनाओं देखते है तो मानवता से भरोसा डगमगाने लगता है तभी कुछ ऐसा घटित हो जाता है कि लगता है जैसे अभी धरती पर सनातन संस्कृति का जीव मात्र से प्रेम, दया, सेवा का मूल्य सजीव है और जब तक ये मूल्य रहेंगे मानवता नष्ट नहीं हो सकती। ये बात आज गांव तोलियासर के उपसरपंच अमरचंद राजपुरोहित ने श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स की टीम से कही। राजपुरोहित ने गांव में स्थित श्रीभैरव नंदी एवं गोपाल गौशाला संस्थान में हजारों पंछियों के लिए आरामगाह का निर्माण करवाया है और आज उसका उद्घाटन बहुत ही साधारण ढंग से किया गया। गौशाला व्यवस्थापक राजाराम राजपुरोहित ने बताया कि ये गौशाला गांव में आवारा कुत्तों द्वारा बछड़े को खाते देख कर प्रारंभ की गई थी जो आज 225 बछड़ों की नंदीशाला में बदल गयी है। यहां देसी नस्ल के उत्तम सांड भी है जिससे नस्ल सुधार के प्रयास भी किए जा रहें है। गौशाला में पंछियों की सुरक्षा लिए अनेक प्रयास किए जा रहें है। सैंकड़ो मिट्टी के घोंसले व कबूतरों के लिए टोकरियां भी टंगाई गई है। यहां ड्रिप सिस्टम लगवा कर बड़ी संख्या में पौधारोपण करने वाले डॉ. ललित कुमार सोमानी ने बताया कि प्रकृति के करीब रहने से ही व्यक्ति सकारात्मक व स्वस्थ रह सकता है अन्य कोई साधन नहीं है। सोमानी ने कहा मानव जन्म परहित के लिए है इसलिए प्रति व्यक्ति को परहित के प्रयास में अपना योगदान देना चाहिए। यहां गौसेवार्थ कार्यरत गणेश राजपुरोहित ने बताया कि गौशाला में केवल एक वैतनिक कर्मचारी है शेष सभी कार्य गांव के स्वसंसेवी युवाओं द्वारा ही संपादित किए जाते है। गौशाला में फंड के प्रति पारदर्शिता के लिए दानदाता द्वारा अपने स्तर पर कार्य करवाने की नीति अपनाई गई है जिससे ग्रामीणों सहित बाहर के नागरिकों का विश्वास बने और गौशाला का विकास हो सकें। 11 मंजिला पक्षीशाला के उद्घाटन के दौरान गांव के युवा ओम राजपुरोहित ने कहा कि गांव के अनेक युवा इस सेवा प्रकल्लप से जुड़ कर अपना योगदान दे रहें है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारें गांव में पर्यावरण, गौवंश व पंछियो की सेवा का उत्कृष्ट कार्य हो रहा है। इस दौरान बृजमोहन, प्रभु राजपुरोहित, ओमसिंह राजपुरोहित, मोहन, ताराचंद, हीरालाल प्रजापत, विमल, प्रवीण पारीक उपस्थित रहें। सभी ने बताया कि यहां पिछले एक वर्ष में पक्षियों की संख्या दुगुनी से अधिक बढ़ गई है। व्यवस्थापक सहित सभी नागरिकों ने अमरचंद राजपुरोहित का आभार प्रकट किया।