April 20, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 29 फरवरी 2020। एक नए शोध में महिलाओं की नींद, अस्वस्थ आहार और ज्यादा कैलोरी लेने के बीच संबंध पाया है। महिलाओं में खराब नींद की वजह से हृदय रोगों और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय इरविंग मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए नए शोध के मुताबिक महिलाओं की नींद पूरी नहीं होती तो वे ज्यादा कैलोरी लेती हैं और साथ ही कम गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करती हैं। पहले के शोधों में दिखाया गया है कि कम सोने वालों में मोटापे, टाइप-2 मधुमेह और हृदयरोग पनपने का खतरा ज्यादा होता है।
यह सोचा गया था कि यह संबंध आहार के कारण हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि अपर्याप्त नींद आहार को कैसे प्रभावित कर सकती है। यह नया शोध एक स्पष्टीकरण दे सकता है।

लीड ऑथर कोलंबिया विश्वविद्यालय वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन में लीड ऑथर और मेडिकल साइंसेस के असिस्टेंट प्रोफेसर ब्रुक अग्रवाल का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि महिलाओं में नींद की समस्या बहुत आम है। उन्होंने कहा कि वास्तव में  लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं की नींद खराब है। जबकि पिछले अध्ययनों ने नींद की अवधि और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया है, इस अध्ययन ने इसके बजाय नींद की गुणवत्ता को देखा।
नींद और आहार के बीच की कड़ी को स्पष्ट करने के लिए, शोधकर्ताओं की टीम ने महिलाओं के एक समूह की नींद और खाने की आदतों का विश्लेषण किया। अध्ययन में 495 महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनकी 20 से 76 वर्ष की आयु में विभिन्न प्रकार की पृष्ठभूमि थी।

शोधकर्ताओं ने महिलाओं की नींद की गुणवत्ता पर एक नजर डाली, उन्हें सो जाने में कितना समय लगा और क्या उन्हें अनिद्रा का अनुभव हुआ। महिलाओं को उन खाद्य पदार्थों के प्रकारों के बारे में रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया था, जिन्हें वे आमतौर पर खाती थीं। www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. नबी वली का कहना है कि अनिद्रा आमतौर पर दिन के समय नींद, सुस्ती और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने का अनुभव कराती है।

टीम ने पाया कि खराब नींद की गुणवत्ता वाली महिलाओं को अधिक शक्कर खाने की आदत है। यह एक ऐसा पैटर्न है जो मोटापा और मधुमेह दोनों से जुड़ा हुआ है। जो लोग अधिक समय तक सोते थे, वे कैलोरी और भोजन के वजन के आधार पर अधिक खाने की प्रवृत्ति रखते थे। www.myupchar.com के मुताबिक मोटापे के कारण कई बीमारियां जैसे मधुमेह, दिल की बीमारी, कई प्रकार के कैंसर, स्ट्रोक आदि होने की आशंका रहती है। मोटापा किसी भी उम्र में हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं को कम नींद आती थी, उन महिलाओं में वजन से अधिक भोजन करने की प्रवृत्ति देखी गई। उन्होंने उन महिलाओं की तुलना में कम असंतृप्त वसा का सेवन किया, जिन्हें नींद न आने की परेशानी कम थी। खराब गुणवत्ता वाली नींद भूख और परिपूर्णता के संकेतों को बदल सकती है। उदाहरण के लिए, घ्रेलिन के स्तर को बढ़ाकर, जो भूख को बढ़ाता है और लेप्टिन के घटते स्तर, जो तृप्ति को कम करता है। यह भी दिखाया गया है कि खराब नींद मस्तिष्क की गतिविधि को बदल सकती है, विशेष रूप से मस्तिष्क के रिवॉर्ड सेंटर्स में, जैसे कि भोजन की इच्छा बढ़ जाती है, जिससे अति हो सकती है।

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