श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 13 नवंबर 2020। श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में कोरोना की मार से पिछले 8 माह से मंदी झेल रहा बाजार आज चहक सा रहा है। इस पूरे हफ्ते में त्योहारी सीजन का उत्साह दुकानदारों। व ग्राहकों में नजर आ रहा है। धनतेरस को शुभ मान कर खरीदारी करने की परंपरा का निर्वाह करती जनता नजर आ रही है। सोने चाँदी के व्यवसाय ने पिछले आठ महिने से दोहरी मार झेली है एक तो कोरोना जनित मंदी और ऊपर से सोने चाँदी के दामों में बेतहाशा वृद्धि रही। अगस्त में सोने चाँदी ने सभी रिकॉर्ड धवस्त कर दिए थे, सोना प्रति दस ग्राम 58 हजार रूपए हुए और चाँदी प्रति किलो 78 हजार रूपए पर पहुंच गए थे। अब सोना 52 हजार के आस पास व चाँदी 64 हजार पर बने हुए है। देश में सोने की मांग में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है और सोना आयात 9 टन से 90 टन पर पंहुच गया है। अब सोने चाँदी के भावों में ज्यादा उतार चढाव की संभावना नहीं है और त्योहारी सीजन के साथ शादी विवाह की खरीददारी में सोना चाँदी का व्यवसाय पुनः पटरी पर आने के प्रयास कर रहा है। जेपी ज्वेलर्स के रणजीत सोनी ने बताया कि ज्वैलरी बाजार में माना जाता है कि भावों में स्थिरता होने पर ही ब्रिकी होती है और अक्टूबर से नवम्बर की और जाते जाते व्यापार में तेजी आ रही है। इसका असर भी स्थानीय बाजार में नजर आ रहा है। पूरे क्षेत्र में ज्वैलरी शोरूम पर ग्राहकों की गहमागहमी भी अब बढ़ रही है।
कस्बे में घरों को सजाने के सामानों की दुकानों पर खासी रौनक नजर आ रही है। बर्तन खरीदने की परंपरा होने के कारण आज बर्तनों की दुकानों पर भी खासी भीड़ है। कपड़ों की दुकानों पर महिलाओं व युवतियों की चहल पहल नजर आ रही है। मिट्टी के दीपक से घर सजाने के साथ छोटे छोटे दुकानदार भी अपने बच्चों के लिए दिवाली की तैयारी कर रहें है। लक्ष्मी पूजन के लिए तरबूज की दुकान भी हाईस्कूल रोड पर सजी है जिसमें श्रीराम ज्याणी ने जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर से तरबूज मगवाएं है और ज्याणी ने बताया कि लक्ष्मी पूजन में काम लेने के लिए श्रीडूंगरगढ में तरबूज की खास मांग है। श्रीस्वामी पिक्चर हाउस के हरिकिशन स्वामी ने बताया कि लक्ष्मी जी के साथ विष्णुजी की फोटो का पूजन ही शुभ माना जाता है व उस तस्वीर की पूजा सदैव घर के मंदिरो में की जाती है इसलिए इस अवसर पर वे सर्वाधिक बिक्री हो रही है। पुराना बस स्टेण्ड पर स्थित उनकी दुकान पर दीपावली पर पूजाघर की सजावट का विशेष सामान उपलब्ध है। पूरे शहर में मिठाईयों की दुकानें सज गई है। पटाखों पर रोक होने के कारण पटाखों की परंपरागत दुकानें नहीं सज पाई। पूरे उपखंड क्षेत्र में दिवाली का स्वागत व रौनक कोरोना की मंदी के बाद अब हालातों को संभालने वाले हो रहें है। किसानों ने फसल निकाल ली और मंडी में बेचने के बाद वे भी बच्चों के लिए नए कपड़े व मिठाईयां लेने पहुंच रहें है।