वार्ड पुनर्गठन में बंदरबांट का आरोप, भाजपाई पहुंचे चुनाव आयोग के दरबार….. जाने पूरी खबर।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 7 जुलाई 2019। जोनल प्लान सर्वे में करोडों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में राज्य स्तर तक नाम आने वाला श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका प्रशासन अब वार्डों के पुर्नसीमांकन में पुन: विवाद में आता दिख रहा है। चुनाव आयोग के निर्देशों पर पुरे राज्य के नगर निकायों में वार्डों का पुर्नसीमांकन कर आवश्यकतानुसार वार्डों में बढ़ोतरी भी की जा रही है। एवं इसी क्रम में श्रीडूंगरगढ़ शहर की आबादी व क्षेत्रफल बढ़ने के अनुरूप नगरपालिका में वार्ड 30 से बढ़कर 40 होने जा रहे है। वार्ड बढ़ने के कारण पुराने वार्डो को भी तोड़ा गया है एवं नए वार्डों का सीमांकन किया गया है। नगरपालिका प्रशासन जहां प्रारूप तैयार करवा कर अखबारों में आपति आमंत्रण सुचना भी प्रकाशित करवाई गई एवं इस सुचना में नगरवासियों से प्रारूप देख कर उसमें सुझाव एवं आपतियां देने को कहा गया है। लेकिन मजे की बात है कि शहर के लोगों को अभी तक वह प्रारूप दिखाया तक ही नहीं गया है। ऐसे में शहरवासी अपने सुझाव व आपतियां कैसे दे सकेगें। नगरपालिका अधिषाशी अधिकारी द्वारा प्रकाशित करवाए गए विज्ञापन में नगरपालिका के नोटीस बोर्ड पर प्रारूप चस्पा करने की बात कही गई थी लेकिन कस्बेवासी जब रविवार को नगरपालिका पहुंचें तो वहां नोटिसबोर्ड पर वार्डों के पुर्नसीमांकन संबधी कोई जानकारी, प्रारूप या सुचना चस्पा नहीं मिली। ऐसे में दिन भर पुरे कस्बे में नए बनने वाले 40 वार्ड कहां से कहां तक होगें यही अनुमान लगाने की चर्चांए जारी रही। दिन भर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने एक और तो नगरपालिका प्रशासन द्वारा अखबारों में आपतिंया मांगने व दुसरी और प्रारूप ही नहीं दिखाने पर खुब कटाक्ष किए। नगरपालिका पार्षद तोलाराम मारू की अगुवाई में पार्षदों ने भी इस पर अपना रोष जताया है व कस्बे की सभी सार्वजनिक स्थलों पर यह प्रारूप चस्पा करवा कर कस्बेवासियों की आम राय से नए वार्डों का गठन करने की मांग की है। अब गठीत वार्डों के अनुसार ही आगामी चार पालिका चुनाव होने है एवं इसलिए दोनो ही प्रमुख पार्टियां इसे गंभीरता से लेते हुए अपने अपने समीकरणों को साधने का प्रयास कर रही है।

मजे की बात, जिनको करना था यह काम, उनको पुछा ही नहीं।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। वार्डों के पुर्नसीमांकन के लिए नगरपालिका बोर्ड में कस्बे की जनता द्वारा चुन कर भेजे गए जनप्रतिनिधियों की राय लेकर उनके बताए अनुसार ही सीमांकन होने का नियम है एवं इसीलिए पालिका उपाध्यक्ष हरिकिशन बाहेती को पुर्नसीमांकन प्रभारी भी बनाया गया। ऐसे में सभी पार्षदों से राय लेकर नए वार्डों के पुर्नसीमांकन की जिम्मेवारी हरीकिशन बाहेती की थी लेकिन मजे की बात है कि प्रभारी को ही इस प्रारूप के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस संबध में हरीकिशन बाहेती ने प्रेस नोट जारी कर पालिका प्रशासन पर सत्ता के दबाव में पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए अपना विरोध दर्ज करवाया है। बाहेती ने पालिका प्रशासन द्वारा सत्ताशीन लोगों के प्रभाव में आकर पुर्नसीमांकन नक्शे मनमाने ढंग से बना लेने एवं इसी कारण अखबारों में आपति आमंत्रण प्रकाशित करवाने के बाद भी आम लोगों से यह प्रारूप छिपाया जा रहा है। नगरपालिका उपाध्यक्ष बाहेती ने चुनाव आयोग से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।