श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 10 अक्टूबर 2019। वर्तमान के आर्थिक युग में धन अर्जन, और एकत्र करना बड़ी बात नहीं बड़ा है उस धन का उपयोग क्या हो रहा है। धन की गति धर्म तय करता है। गति, दुर्गति, सद्गति ये तीन गतियां पूरे मानव जीवन को संचालित करती है और धन की दुर्गति व्यसनों में, गति केवल स्वंय की सुविधाओं में और धन की सद्गति होती है परहित में खर्च करने से। ये विचार सन्त भरतशरण महाराज ने शिवधोरा आडसर बास में नवनिर्मित संत विश्रामालय के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किये। भरतशरण ने यहां प्रवचन करते हुए कलाणी परिवार के धन उपयोग को धन की सदगति बताते हुए इसे पूरे समाज के लिए प्रेरणीय बताया। ये निर्माण कार्य बद्रीनारायण कलाणी परिवार ने करवाया। महाराज ने इस मौके पर प्रवचन करते हुए परहित, धर्म रक्षा एवं सेवा में सक्रिय होने को सच्ची मानवता बताई एवं विश्रामालय का उपयोग संतों के विश्राम के साथ साथ जरूरतमंदों के लिए भी करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का संयोजन शिवधोरा सत्संग समिति अध्यक्ष ताराचंद इंदोरिया ने किया एवं मंत्री जगदीश स्वामी ने आभार जताया। कार्यक्रम में बद्रीनारायण कलाणी परिवार का अभिनंदन भी समिति द्वारा किया गया। समिति संरक्षक रामनिवास जोशी ने मंदिर प्रांगण के अभी तक हुए विकास की जानकारी दी एवं भविष्य की योजनाएं बताई। इस मौके पर श्रृद्धालूओं के आग्रह पर संत भरतशरण महाराज ने मंदिर प्रांगण में एक कथा करने की स्वीकृति भी दी। कार्यक्रम में दानदाता परिवार के हड़मान कलाणी, रामचंद्र राठी, ओमप्रकाश स्वामी, सत्यनारायण मूंधडा, ओमप्रकाश गुरावा आदि ने भी विचार रखे एवं दानदाता परिवार का आभार जताया। मंदिर प्रांगण में बद्रीनारायण कलाणी परिवार ने हाल, चार कमरे, रसोई, बरामदा, व सुविधाओं का निर्माण करवाया। कार्यक्रम की शुरूआत हवन से हुई एवं प्रवचन, सत्संग बाद फीता काट कर लोकार्पण किया गया।
