नगरपालिका में भ्रष्टाचार प्रकरण, ईओ निलंबित, दिए रिकवरी के आदेश। पढ़े विशेष रिपोर्ट।





श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 मई 2019। 30 मई 2019 को गुरुवार का दिन श्रीडूंगरगढ़ में भ्रष्टाचारियो के खिलाफ कार्यवाही का दिन रहा। एक ओर जहां श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में एसीबी ने बिजली निगम के भ्रष्ट कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया वही जयपुर में श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका के ईओ को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया गया। ओर पूरे क्षेत्र के लिए यह गर्व की बात है कि दोनों ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही प्रसाशन ने अपने आप संज्ञान लेने के बजाय जागरूक नागरिकों की शिकायत पर की है। भ्रष्टाचारी बाबू की शिकायत एसीबी में एक आम नागरिक भंवरलाल जाट ने की वहीं नगरपालिका में भ्रष्टाचार की पोल पार्षदों ने ही खोली है। पार्षद आशीष जाड़ीवाल ने गत 10 अप्रेल को जयपुर पहुंच कर स्वायत्त शासन विभाग में शिकायत की थी। शिकायत में जाड़ीवाल ने प्रकरण में नगरपालिका द्वारा विभाग के दिशा निर्देशों को नही माने जाने की जानकारी जयपुर स्तरीय अधिकारियों को दी। भाजपा विधानसभा प्रत्याशी ताराचंद सारस्वत ने भी जिला कलेक्टर के माध्यम से स्वायत्त शासन विभाग को शिकायत भेज कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। इन शिकायतों के बाद विभाग ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया। 4 सदस्यों की यह विशेष जांच टीम गत 30 अप्रेल को जयपुर से श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका आयी थी और समस्त कागजात खंगाले। पार्षदों के बयान लिए गए जिसमे शिकायत कर्ता निर्दलीय पार्षद ओर अन्य भाजपा पार्षदों ने पालिका प्रशासन द्वारा इस भुगतान का साधारण सभा मे अनुमोदन करवाने की एवज में रिश्वत देने की पेशकश करने की गवाही भी दी थी। भाजपा पार्षदों की गवाहियाँ, कागजात ओर गड़बड़ी को पकड़ कर टीम जयपुर पहुंची और उसी टीम की रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को विभाग ने ईओ के निलंबन के आदेश निकाल दिए।

श्रीडूंगरगढ़ की बदनामी जयपुर के गलियारों तक।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अपनी बसावट की विशिष्टता, कृषि उत्पादन ओर भव्य आयोजनों के कारण श्रीडूंगरगढ़ कस्बा पूरे राज्य में अपनी वि शेष पहचान रखता है। ओर अब भ्रष्टाचार में सभी भ्रष्ट स्थानों का सिरमौर बन गया है। आज श्रीडूंगरगढ़ की चर्चा इन भ्रष्टाचारियों के कारण जयपुर के गलियारों में छा गई है। प्रकरण कुछ ऐसा हुवा की सरकार द्वारा राज्य की 22 नगरपालिकाओं में भविष्य के विकास को देखते हुए जोनल प्लान सर्वे करवाने के आदेश जारी किए गए। और इस आदेश में न्यूनतम दर 50 बीघा भूमि के लिए थी और इस से अधिक क्षेत्रफल होने पर सर्वे की दरों में कमी आनी थी। लेकिन ठेकेदार फर्म ग्रीन सिटी सर्वेयर लिमिटेड द्वारा अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर सैंकड़ो बीघा के पालिका क्षेत्र को अलग अलग ब्लाक में बांट दिया गया और 50 बीघा के लिए आरक्षित महंगी दर पर ही भुगतान उठा लिया गया। इसी प्रकार आदेश यह भी थे कि फर्म के बिलों का भुगतान जयपुर डीएलबी कार्यालय से अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। लेकिन स्थानीय स्तर के अधिकारियों ने बिना अनुमोदन के ही करोड़ो का बिल बना कर भुगतान कर दिया। अकेले श्रीडूंगरगढ़ में कस्बे में करीब 3.52 करोड़ का भुगतान किया गया है। इसी फर्म ने इसी तर्ज पर राज्य में 10 नगरपालिकाओं में ओर अन्य फर्मो ने भी इसी तर्ज पर 22 नगरपालिकाओं में अलग अलग ब्लाक बना कर निर्धारित दरो से करीब 10 गुना ज्यादा भुगतान उठा लिया। श्रीडूंगरगढ़ में प्रकरण की शिकायत होने पर विभाग की आंख खुली तो पूरे राज्य में किये गए इस फर्जीवाड़े को रोका गया है। स्वायत्त शासन विभाग ने अब भुगतान कर दिए सभी नगरपालिकाओं में रिकवरी करने के आदेश भी जारी किए हैं।

वायरल ऑडियो ने जांच को दी गति।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। जोनल सर्वे प्रकरण में हुए भ्रष्टाचार का मामला विवादित होने के बाद रिश्वत का बंटवारा करने वालो में भी फुट पड़ गयी और उनकी आपस मे की गई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह वायरल ऑडियो जयपुर भी पहुंचा तो वहां इस प्रकरण की जांच में ओर ज्यादा तेजी लाई गई। इसका परिणाम यह हुआ की ऑडियो वायरल होने के 2 दिनों में ही स्वायत्त शासन विभाग ने इस प्रकरण में निर्णय लेते हुए पूरे राज्य में सभी 22 नगरपालिकाओं के लिए रिकवरी के आदेश निकाल दिए। यह वायरल ऑडियो सबसे पहले श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के पास पहुंचा था और टाइम्स ने इसकी खबर प्रकाशन के साथ ऑडियो सुनने का ऑनलाइन लिंक भी देकर ऑडियो को जिम्मेवार अधिकारियों तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाई थी। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के जागरूक नागरिकों के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सदैव कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहेगा।

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श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गत 10 अप्रेल को पार्षद द्वारा भेजे गए शिकायती पत्र पर हुई जांच।