



श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 जुलाई 2019। आगमों में तप को मंगल माना है। तप से व्यक्ति का तन, मन, भाव शुद्धता को प्राप्त करते है। तप से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की वृद्धि होती है व श्वेत रक्त कणिकाएं संतुलन में रहती है और मोटापा भी दूर होता है। ये विचार व्यक्त किये आचार्य महाश्रमण की शिष्या व सेवा केंद्र की व्यावथापिका साध्वी पावन प्रभा ने। रविवार को सेवा केंद्र में मंत्र दीक्षा व तप अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि 12 वर्षीय बालिका सुरभि दुग्गड़ ने अपने पिता सुरेंद्र दुग्गड़ सहित पूरे परिवार को गौरान्वित किया है। पावन प्रभा ने बच्चों को मंत्र दीक्षा दी। कार्यक्रम का प्रारम्भ मंगलाचरण से हुआ। साध्वी उन्नत प्रभा ने त्रिपदी वंदना से मंत्र दीक्षा प्रारम्भ की व बच्चों में संस्कार निर्माण कैसे हो? पर प्रकाश डाला। साध्वी रम्य प्रभा ने तपस्या की अनिमोदना की। तेरापंथ सभा के सम्पतमल पुगलिया, धनराज पुगलिया ने सुरभि दुग्गड़ को साहित्य भेंट कर अभिनंदन किया। दुग्गड़ परिवार की कन्याओ ने तप का अनुमोदन किया। कर्ण नाहटा, दीपमाला डागा, संगीता दुग्गड़, ने विचार व्यक्त किये। महिला मंडल , कन्या मंडल, ज्ञानशाला ने भी तप का अनुमोदन किया। कार्यक्रम का संचालन चंदा जैन ने किया।