काल के गाल में समा गई एक परिवार की रोटी की आस, कपडों की चाह….. जाने पूरा प्रकरण।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 26 जून 2019। आज तहसील में एक परिवार की रोटी की आस, कपड़ों की चाह काल के क्रूर गाल में समा गई। परिवार में एकमात्र कमाने वाले पन्नाराम ने 45 वर्ष की आयु में अपने गार्हस्थ को छोड़ कर दुनिया से चले गए। मोमासर निवासी पन्नालाल जाट अपनी 5 पुत्रियों व एक पुत्र सहित अपने परिवार का लालन पालन कर रहे थे। पन्नालाल कुंतासर निवासी हजारीलाल जाट के खेत मे काश्त कर रहे थे। आज दोपहर करीब 1.30 बजे तप्ति दोपहरी में खेत मे अपने कर्म में जुटे थे। पन्नालाल खेत मे कृषि कार्यों के दौरान करंट की चपेट में आ गए। उनके भाई सोहनराम को सूचना मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजन श्रीडूंगरगढ़ राजकीय अस्पताल में लाये जंहा डॉक्टरों ने पन्नालाल को मृत घोषित किया। और इस घोषणा के साथ ही गरीब परिवार के त्योहारों का रंग ही जैसे उड़ गया। पन्नालाल की 70 वर्षीय माता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा वो भगवान से स्वयं को नही ले जाने और मां की आंखों के सामने उसके बच्चे को ले जाने की नियति को कोस रही थी। उनकी पत्नी अपने साथी से स्वयं को पीछे छोड़ जाने को कोसते हुए बच्चों के लिए लौट आने की दुहाइयाँ देने लगी। हंसते खेलते मेहनतकश किसान परिवार को इस दर्दनाक हादसे ने हिला दिया। परिवार में उनकी पांचों पुत्रियां एक दूसरे से लिपट कर धरती का कलेजा फट जाए इस क्रंदन कर रही थी। टाइम्स से बातचीत में सोहनराम ने बताया कि कैसे करंट आया इसकी जानकारी नही मिल सकी, जब उन्हें पता चला की उनके भाई के करंट आया है वे दौड़ पड़े और देखा तो भाई की लाश ही मिल सकी। सोहनलाल छोटे भाई की मौत से सब कुछ खोए हुए से बैठे है। उन्होंने कहा क्या होगा गरीब के बच्चों का। हम गरीब लोग लोगों के खेत मे काश्त करके जीवनयापन करके खुश थे, पर अब रोटी का जुगाड़ कैसे कर सकेंगे।

अब जरूरत है इसकी- श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। जाने वाले कि कमी को कोई पूरा नही कर सकता परन्तु अब जरूरत है कि जनप्रतिनिधियों को एक साधारण किसान की आवाज बनने की। जनप्रतिनिधि निगम से मुआवजे की उचित राशि की मांग करें जिससे किसान के परिवार को कुछ सहारा तो हो सके। केसीसी बीमा की राशि का हक़ उनके आश्रितों को दिलवा सके। जिससे परिवार की मदद हो सके।