श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 5 दिसम्बर 2020। भारतीय सनातन संस्कृति में जीव मात्र पर दया व सेवा का भाव संस्कार समाज की रगो में बसा हुआ है और आज इसके दर्शन कस्बे के वार्ड 14 में देखने को मिला है। आज बिग्गाबास में रहने वाले एक सांड का देहांत हो गया और किसी परिजन की अंतिम विदाई करने जैसा माहौल मौहल्ले में देखने को मिला। मौहल्ले वासी इस सांड को नंदी के नाम से पुकारते थे और इसके शांत व्यवहार के कारण बच्चे भी इससे घुले मिले थे। मौहल्ले के भवानी प्रकाश तावनियां ने बताया कि जीव मात्र की सेवा का पाठ हम अपने घर से सीखते है और समाज उसे साकार करते है। मौहल्ले के जीव प्रेमी गोपाल चुरा, तुलछीराम सारस्वा लगातार इसकी सेवा सुश्रूषा करते थे। मौहल्ले के मनोज सुनार, सत्यनारायण शर्मा, मोहनलाल शर्मा, श्यामसुन्दर सैनी, तोलाराम शर्मा, लालचंद शर्मा, रामकिशन, सुनील शर्मा, मदनगोपाल, जुगल शर्मा, मोती सुनार, इम्मीचन्द सहित सभी ने नम आंखों से सांड को श्रद्धांजलि दी और उसे समाधिस्थ किया।