May 18, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 3 मई 2022।

🚩श्री गणेशाय नम:🚩

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 03 – May – 2022
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि तृतीया पूर्ण रात्रि
🔅 नक्षत्र रोहिणी +03:17 AM
🔅 करण तैतिल 06:24 PM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग शोभन 04:14 PM
🔅 वार मंगलवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:52 AM
🔅 चन्द्रोदय 07:19 AM
🔅 चन्द्र राशि वृषभ
🔅 चन्द्र वास दक्षिण
🔅 सूर्यास्त 07:09 PM
🔅 चन्द्रास्त 09:36 PM
🔅 ऋतु ग्रीष्म

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 01:16 PM
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत वैशाख
🔅 मास पूर्णिमांत वैशाख

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:04:31 – 12:57:37
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 08:32 AM – 09:25 AM
🔅 कंटक 06:45 AM – 07:39 AM
🔅 यमघण्ट 10:18 AM – 11:11 AM
🔅 राहु काल 03:50 PM – 05:29 PM
🔅 कुलिक 01:50 PM – 02:43 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 08:32 AM – 09:25 AM
🔅 यमगण्ड 09:11 AM – 10:51 AM
🔅 गुलिक काल 12:31 PM – 02:10 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल उत्तर

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन

📜 चोघडिया 📜

🔅रोग 05:52:49 – 07:32:23
🔅उद्वेग 07:32:23 – 09:11:57
🔅चल 09:11:57 – 10:51:30
🔅लाभ 10:51:30 – 12:31:04
🔅अमृत 12:31:04 – 14:10:38
🔅काल 14:10:38 – 15:50:11
🔅शुभ 15:50:11 – 17:29:45
🔅रोग 17:29:45 – 19:09:18
🔅काल 19:09:18 – 20:29:39
🔅लाभ 20:29:39 – 21:49:59
🔅उद्वेग 21:49:59 – 23:10:20
🔅शुभ 23:10:20 – 24:30:40
🔅अमृत 24:30:40 – 25:51:00
🔅चल 25:51:00 – 27:11:21
🔅रोग 27:11:21 – 28:31:41
🔅काल 28:31:41 – 29:52:01

❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 मेष चर
शुरू: 04:58 AM समाप्त: 06:34 AM

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 06:34 AM समाप्त: 08:30 AM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 08:30 AM समाप्त: 10:45 AM

🔅 कर्क चर
शुरू: 10:45 AM समाप्त: 01:05 PM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 01:05 PM समाप्त: 03:23 PM

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 03:23 PM समाप्त: 05:39 PM

🔅 तुला चर
शुरू: 05:39 PM समाप्त: 07:58 PM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 07:58 PM समाप्त: 10:17 PM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 10:17 PM समाप्त: अगले दिन 00:21 AM

🔅 मकर चर
शुरू: अगले दिन 00:21 AM समाप्त: अगले दिन 02:04 AM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: अगले दिन 02:04 AM समाप्त: अगले दिन 03:32 AM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 03:32 AM समाप्त: अगले दिन 04:58 AM

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का बेहद ही शुभ और पावन पर्व मनाया जाता है। इस त्यौहार को बहुत सी जगह पर अखा तीज भी कहते हैं। अक्षय शब्द का अर्थ होता है जिसका कभी नाश न हो। ऐसे में इस दिन से जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इस दिन दान पुण्य करता है, जप-तप करता है, या फिर खरीदारी करता है तो उससे मिलने वाले शुभ फलों की कभी कमी नहीं होती है।

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) के साथ-साथ परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) और मातंगी जयंती (Matangi Jayanti) भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने गए हैं और ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम धरती पर आज भी जीवित हैं। वहीं देवी मातंगी माँ गौरी का स्वरुप मानी गई हैं।

🚩अक्षय तृतीया पर 50 वर्षों बाद बना शुभ संयोग 🚩

इस वर्ष अक्षय तृतीया के मौके पर 50 वर्षों बाद ऐसे शुभ संयोग बन रहे हैं जिससे इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ने वाला है। दरअसल इस वर्ष अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। इतना ही नहीं, इस साल अक्षय तृतीया के मौके पर 50 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद दो ग्रह (शनि-कुंभ में और बृहस्पति-मीन में) स्वराशि में और दो ग्रह (चंद्रमा-वृषभ में और शुक्र-मीन में) अपनी उच्च राशि में मौजूद रहने वाले हैं।

ऐसे में अक्षय तृतीया पर ग्रहों का यह शुभ संयोग बेहद ही लाभकारी सिद्ध होने वाला है। इस मौके पर दान-पुण्य करने से व्यक्ति को मिलने वाले फल में अवश्य ही वृद्धि देखने को मिलेगी।

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026

 

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