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श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 15 फरवरी 2022। सरकारी नौकरियों में खेल कोटे से बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को शामिल करने पर राज्य सरकार रोक लगा कर राज्य के युवाओं का हक उन्हें देवें। ये बात आज विधायक गिरधारी लाल महिया ने विधानसभा में उठाई। महिया ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लगाया, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में खेल कोटे से खिलाड़ियों के लिए जो भर्तियां हो रही हैं, उसमें बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस की सीधी भर्ती निकाली, जिसमें खेल कोटे से 70 पदों में से 28 पदों पर अन्य राज्यों के खिलाड़ी भर्ती हुए। जबकि कई राज्यों में बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों के शामिल होने पर रोक है। पुलिस भर्ती के अलावा अन्य भर्तियों में भी बाहरी राज्यों की खिलाड़ियों को शामिल किया गया। एस.आई. भर्ती में अकेले कब्बड्डी में कुल 14 में से 12 हरियाणा और हिमाचल के अभ्यर्थी चयनित हुए। जबकि मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा व अन्य कई राज्यों में खेल कोटे में सीधी भर्ती में शामिल नहीं किया जाता है। विधायक महिया ने स्थगन प्रस्ताव लगाकर मांग की कि सदन की कार्यवाही रोककर इस मामले पर चर्चा कराई जावें और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान सरकार भी खेल कोटे में बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों पर रोक लगाएं ताकि राजस्थान के खिलाड़ियों को अधिक मौका मिल सकें। महिया ने इसके लिए नीति बनाने और सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा करने की मांग की। महिया द्वारा उठाए गए सवाल के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि जो सवाल उठाया गया है यह वाजिब है, क्योंकि जिस तरीके से यह कोटा निर्धारित किया गया है वह राज्य के खिलाड़ियों के लिए निर्धारित किया गया है। राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह स्टेट स्पेसिफिक योजना है और इसके अंदर राज्य के खिलाड़ियों को शामिल किया जाना चाहिए। सीपी जोशी ने कहा कि सरकार को अगर इसमें कुछ रिव्यू करना है तो उस पर बैठकर चर्चा करें और नियमों में कुछ बदलाव करने की जरूरत है तो उसके लिए बदलाव करें। उन्होंने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों को ही इस भर्ती में लाभ मिलना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने यह निर्देश दिए कि यह कोटा राज्य के खिलाड़ियों के लिए है और उन्हें ही इसका लाभ मिलें। सरकार को खेल कोटा नियमों में रिव्यू करना चाहिए। सरकार की तरफ से चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार इस पर रिव्यू करके नियम बनाएगी।