July 2, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 जून 2024। 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होंगे। इन नए कानूनों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को पंचायत समिति सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बैठक में उपखंड अधिकारी उमा मित्तल ने हर एक नागरिक के लिए न्याय को सुलभ बनाने के प्रयास करने की बात कही। मित्तल ने कहा कि प्रशासन व न्याय व्यवस्था से जुडें लोगों सहित जागरूक नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी है कि जरूरतमंद तक न्याय पहुंच सकें। उन्होंने सभी से नए कानूनों का पूरी तरह से अध्ययन करने और आमजन तक पहुंचाने की बात भी कही। संगोष्ठी में एसीजेएम हर्ष कुमार ने पुराने कानूनों को दंड पर केन्द्रित वहीं नए कानूनों को न्याय पर केन्द्रित बताया। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में गरीब व पीड़ित तक न्याय पहुंचाने कोशिश रहेगी। वहीं इन कानूनों में महिलाओं व बच्चों के अपराधों को आसान रूप से समझाने का प्रयास किया गया है व नए साक्ष्यों को कानूनी मान्यता दी गई है। इस दौरान मास्टर ट्रेनर सपन कुमार ने महिला अपराधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए कानूनों में अधिकांश अपराधों के मामलो में सजा की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, बाल अपराध, चोरी, धर्म छुपा कर अपराध, हत्या, आत्महत्या, राजकार्य, सामुदायिक सेवा, स्नेचिंग, सरकारी सम्पति के नुकसान, विभिन्न अपराधों व उनकी सजा की जानकारी विस्तार से दी गई। सम्पति से सबंधित अपराध, पुलिस से सबंधित क़ानून, बयानों के नये क़ानून, कोर्ट ट्रायल, वीडिओ साक्ष्य, घोषित अपराधी की जानकारी, कुछ धाराओं को समाप्त करने के बारे में भी बताया गया। एफआईआर से सबन्धित प्रावधानों की जानकारी भी विस्तार से दी गई। इस दौरान बैठक में तहसीलदार राजवीरसिंह कड़वासरा, बीडीओ मनोज धायल, पीएचईडी एईएन मांगीलाल मीणा सहित एडवोकेट अनिल धायल, एडवोकेट गोपीराम जानू, एडवोकेट रणवीरसिंह खिची, एडवोकेट प्रवीण पालीवाल, नारायण जोशी, पूर्व सरपंच रतन सिंह व अनेक गणमान्य नागरिक गोष्ठी में शामिल हुए।

 

error: Content is protected !!