श्रीडूंगरगढ टाइम्स 25 जून 2019। तीन वर्ष पूर्व साम्प्रदायिक तनाव को झेल चुके श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांव धनेरू में भूमाफियाओं द्वारा बेशकिमती भूमि पर कब्जा करने के प्रयास में तीन ऐतिहासिक मंदिर तोड़ दिए जाने से पुन: तनाव का माहौल बन गया है। इस बार विवाद दो समुदायों के मध्य नहीं होकर अतिक्रमणकारियों व ग्रामीणों के मध्य बन गया है। तहसील के गांव धनेरू में आस्था के साथ अवैध कब्जाधारियों ने खिलवाड़ किया व इस कारण गांव में जबरदस्त तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने टाइम्स को बताया कि मंदिर की मूर्तियां दिव्य है और ऐतिहासिक है। इन देवलियों पर ग्रामीण सैंकड़ो वर्षों से पूजा अर्चना कर रहे है व विवाह, जन्मोत्सव की धोक लगा रहे हैं। ये उनकी आस्था का केन्द्र बना हुआ है। गांव में सैंकड़ों वर्षों से बने सार्वजनिक कुंए व मंदिर देवलियों की भूमि पर कब्जा करने के लिए दबंगों ने गत 13 जून को ग्रामीणों के विरोध के बाद भी तीन देवलियां तोड़ दी। गांव के मध्य में स्थित ये बेशकिमती जमीन दंबगों ने कब्जे के लिए उपयुक्त समझी है। देवलियां तोड़ने के बाद गांव में हुए तनाव के माहौल मे गांव बड़े बुजुर्गों ने समझाईश का दौर भी चलाया व ग्रामीणों ने सामुहिक रूप से अतिक्रमणकारियों को देवली के पुर्ननिर्माण की बात कही परन्तु दबंगो ने कहा हम राज के आदमी है और इस जमीन पर कब्जा करके रहेंगे। आक्रोशित ग्रामीण आज श्रीडूंगरगढ थाने पहुँचे व 4 नामजद व 3 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को शिकायत के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की गई। थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा ने बताया कि धनेरू निवासी भंवरलाल जाट ने रामूराम व उसके पुत्र शिवराम, हरिराम, केदार व अन्य दो तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। ग्रामीणों ने 14 जून को तहसीलदार के माध्यम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया था लेकिन प्रशासन द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो सोमवार को आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं से खिलवाड का मामला दर्ज कराया गया है। मामले की जांच एसआई राजेन्द्र कुमार को सौंपी गई है।
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