


श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 13 सितंबर 2019। ब्रूसेलोसिस का रोगी श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में होने ओर यहां के चिकित्सा प्रशासन को इसकी खबर ही नहीं होने से प्रशासन की गंभीर लापरवाही नजर आ रही है। हालात ये है कि ब्रूसेलोसिस के बारे में जहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान ले लिया व पूरे देश में चिकित्सा विभाग को अलर्ट के आदेश मिले है वहीं श्रीडूंगरगढ़ में पॉजिटिव रोगी मिलने पर भी चिकित्सा विभाग को कोई जानकारी तक नही है। बीकानेर सीएमएचओ ने मीडिया को दिए गये बयान में उन्होंने श्रीडूंगरगढ़ बीसीएमओ को रोगी के क्षेत्र में सर्वे के निर्देश दे दिए है व पशुओं का टीकाकरण करने की बात कही। परन्तु स्थानीय अधिकारी को ऐसे किसी प्रकरण की जानकारी नहीं है। यहां अभी तक किसी को रोगी या रोगी के क्षेत्र के बारे में जानकारी ही उपलब्ध नहीं है। विभाग के अधिकारियों ने बातचित में बताया कि उनके पास कोई निर्देश नहीं मिले है। बीसीएमओ श्रीमोहन जोशी ने कहा कि हमने टीमों को अलर्ट जारी कर रखा है परन्तु अभी ऐसे कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए है।
विभाग को पशुपालन विभाग से समन्वय कर क्षेत्र में पशुओं के बाड़े , डेयरी, और बूचड़खानों का सर्वे करना था। रोगी के प्रभावित क्षेत्र में पशुओं का टीकाकरण कराना था परंतु अभी तक यहां जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। जिलेभर में ब्रूसेलोसिस के अभी तक 13 रोगी सामने आ चुके है उसके बावजूद विभाग की लापरवाह नजर आ रही है। केंद्र ने राजस्थान चिकित्सा विभाग को ब्रूसेलोसिस के बारे में अलर्ट किया है।ये पशुजनित बीमारियों के लिए राजस्थान में अलर्ट जारी सितंबर माह के पहले सप्ताह में ही कर दिया गया था। फिर क्षेत्र में पॉजिटिव के बाद पशुपालन या चिकित्सा विभाग को जानकारी नही होना दुर्भाग्य पूर्ण है। क्षेत्रवासियों के जीवन से खिलवाड़ महंगा पड़ सकता है, टाइम्स की अपील है कि नागरिक स्वयं जागरूक रहें व अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
बीमारी की गंभीरता तथा ब्रूसेलोसिस है क्या?
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। यह ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरिया के समुह से होती है। यह जानवरों ओर मनुष्यों दोनों को संक्रमित है। यह कच्चे दूध व कच्चे मांस जैसे दूषित भोजन से हो सकता है। यह एक जूनोटिक बीमारी है, यह मुख्यतः प्रत्यक्ष संपर्क पशु उत्पाद सेवन से ये अप्रत्यक्ष हवा में उपस्थित वातानित एजेंटों को सांस के भीतर लेने से फैलता है।
लक्षण–– बीमारी के लक्षण में जोड़ों में दर्द, मासपेशियों में दर्द, बुखार आना और गायब होना, भूख की कमी, सिरदर्द, वजन घटाना, ओर थकान शामिल है। कुछ लोगों को पेट में व उसके आस पास दर्द, ओर खांसी भी हो सकती है।
ईलाज – लापरवाही ना करें, तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें व उनकी सलाह से पूरा इलाज कराएं।– रोकथाम के लिए ना करें कच्चे दूध, व कच्चे मांस का सेवन। यह कच्चे दूध के सेवन या कच्चे दूध से निर्मित चीजों से हो सकता है। अनपेक्षित डेयरी उत्पादों से बचना चाहिए। यह सभी आयु के स्त्री व पुरुषों में समान रूप से हो सकता है।