श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 7 अगस्त 2019। पंचायतीराज चुनावो से पहले प्रशासन द्वारा किया जा रहा पंचायत परिसीमन विवादों में उलझता जा रहा है। प्रसाशन द्वारा श्रीडूंगरगढ़ में 10 नई ग्राम पंचायत और 1 नई पंचायत समिति गठित की जा रही। परिसीमन के बाद फरवरी 2020 में 52 ग्राम पंचायतों, व 2 पंचायत समिति के लिए चुनाव होंगे।
लेकिन यह पंचायत समिति पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के पैतृक गांव उपनी को बनाने के कारण अब विरोधियों द्वारा परिसीमन को लेकर आपत्तियां तैयार करवाई जा रही है। ऊपनी पंचायत समिति का गठन वर्चस्व की जंग बनती दिख रही है। ये स्थानीय नेताओं के लिए शक्तिप्रदर्शन का मौका सा दिखने लगा है। एक ओर एक कद्दावर नेता ऊपनी को पंचायत समिति बनाने के लिए अपना दम खम लगा रहे है वहीं दूसरे पक्ष की जबरदस्त मांग है कि ऊपनी की बजाय सेरूणा, मोमासर, रिड़ी, सूडसर को पंचायत समिति बना दिया जाए पर ऊपनी को स्वीकार नही करेंगे। मोमासर भी सबसे बड़ा व विकसित गांव होने की मांग के साथ पंचायत समिति बनाये जाने की मांग कर रहा है। कहीं पंचायत समिति मिलने की आपत्ति तो कहीं किसी को अपनी पंचायत की बदली सीमाओं से शिकायत है। श्रीडूंगरगढ़ उपखंड की पंचायतों में बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे है। और ये बदलाव क्षेत्रीय नेताओं द्वारा स्वीकार्य नहीं किये जा रहे है। गांवो में इन बदलावों में भी अब बदलाव की मांग जोरों से उठ रही है। ऐसे में सरपंच एसोसिएशन द्वारा तहसील के ग्राम पंचायतों के प्रस्तावित परिसीमन एवं पंचायत समिति के पुनर्गठन के लिए सामूहिक समीक्षा बैठक स्थानीय पुस्कालय में शनिवार को रखी गयी है। सरपंच संघ के अध्यक्ष रतन सिंह राठौड़ ने बताया है कि दिनांक 10 अगस्त को सुबह 11 बजे श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय में प्रस्तावित परिसीमन व पुनर्गठन पर जनता के विरोध को देखते हुए समीक्षा बैठक बुलाई गई है , जिसमें क्षेत्र के सरपंच, पूर्व सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और प्रमुख ग्रामीण मौजूद रहेंगे। समीक्षा बैठक में निर्णय लेकर प्रस्तावित ग्राम पंचायतों व प्रस्तावित पंचायत समिति के विरोध पर जनता की मांगों पर चर्चा कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।