सकारात्मक विचार जो बदल रहा है समाज, चिंतन करें– सोशल मीडिया एनजीओ की तरह काम कर रहा है। जाने आपके लिए जरूरी खबर।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 8 अक्टूबर 2019।
कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों।
ये दुष्यंत का शेर आज सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रयोग पर याद आया। आज जब लोग फ़ेसबुक पर फ़ोटो ज्यादा लगाते है और धरातल पर काम नहीं करते ऐसे में ये चिंतन का विषय है कि केवल सोशल मीडिया में हंगामा करने से नहीं वरन काम अच्छे विचारों से होता है।
क्षेत्र के सभी ग्रुप्स में नोखा तहसील के साधासर गांव के कृष्ण नाथ सिद्ध का एक मैसेज वायरल हुआ। इस पर क्षेत्र के रामकिशन सहू जो इस समय दिल्ली में प्रधानमंत्री सिक्योरिटी में तैनात है ने अपने संस्थान के माध्यम से प्रेरणीय कार्य किया और सोशल मीडिया का सकारात्मक प्रयोग किया। सहू ने अपने गरीब सेवा संस्थान श्रीडूंगरगढ़ के व्हाट्सएप ग्रुप व फ़ेसबुक पेज पर 2 दिन में लोगो से सहायता की अपील की । दो दिन मंगलवार की शाम पूरे हुए और एकत्र राशि इक्कतीस हजार की मदद जरूरतमंद परिवार को संस्थान के कार्यकर्ता जयप्रकाश मंडा, विशाल नाथ सिद्ध, देवनाथ सिद्ध ने उनके गांव जाकर सौंप दी। ऑनलाइन ट्रांसफर रुपये भी सीधे भागीरथ के अकाउंट में संस्थान की अपील पर आये।

ये है पूरा मामला
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। साधासर के तुलछाराम के 2 पुत्र है। छोटे पुत्र कृष्णनाथ की दोनों किडनी फैल हो गयी। जीने की उम्मीद नहीं रही तो बड़े पुत्र भागीरथ नाथ ने अपने छोटे भाई को जीवन दान देते हुए अपनी एक किडनी उसे दे दी। साधारण किसान परिवार ने नारायणा हॉस्पिटल जयपुर में इलाज करवाया। बीस लाख रुपये खर्च के बाद आर्थिक हालात खराब हो गए। गरीब सेवा संस्थान श्रीडूंगरगढ़ ने मदद की अपील के साथ जिसने मदद की उसका तुरंत ऑनलाइन हिसाब किताब भी पेश कर दिया। जिससे धांधली की गुंजाइश ना रहे और लोगों में संस्थान के प्रति विश्वास कायम हो सके। साधासर सरपंच प्रतिनिधि रामकिशन तर्ड ने युवाओं के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस ग्रुप से जुड़ेंगे ओर गांव स्तर पर भी ऐसा ग्रुप बना कर सिद्ध परिवार की मदद की मुहिम चलाएंगे।

गरीब सेवा संस्थान श्रीडूंगरगढ़ का परिचय।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। रामकिशन सहू ने 1 जनवरी 2019 को अपने 5 युवा साथियों के साथ संस्थान की नींव रखी। संस्थान ने फेसबुक पेज बनाया जिससे 8 हजार 500 लोग जुड़े है। पेज के माध्यम से कई सेवा कार्य सम्पन्न किये गए है। संस्थान ने सीकर, झुंझुनूं व बीकानेर के 15 परिवार गोद ले लिए है। जिनमें राशन की व्यवस्था, बच्चों की पढ़ाई का खर्च संस्थान द्वारा उठाया जा रहा है।

मानव के जीवन का सुख देने में है- सहू
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। टाइम्स से बातचीत में रामकिशन सहू ने कहा कि मानव के जीने का सुख देने में है, किसी की मदद करने में है और इसलिए हमने एनजीओ की स्थापना की है। सहू ने बताया कि जिनके घर कोई कमाने वाला नहीं है उन 15 परिवारों को राशन दिया जाता है। उन्होंने कहा संस्थान का सारा हिसाब ऑनलाइन किया जाता है जिससे पारदर्शिता बनी रहे। सहू ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ में 45 सक्रिय कार्यकर्ता जुड़े हुए है।

गरीब सेवा संस्थान श्रीडूंगरगढ़ के अन्य कार्य-

1= बिग्गाबास रामसरा के केशुराम मेघवाल एक्सीडेंट पैर से लाचार हो गए। इलाज का खर्च नहीं होने से डेढ़ साल घर ही रहे। उनके अलावा घर मे कोई कमाने वाला नहीं, परिवार की हालत बद से बदतर हुई तब संस्था आगे आयी। संस्थान ने उनका इलाज करवाया और लंबे इलाज के बाद आज केशुराम चलने लगे है।

2= श्रीडूंगरगढ़ बिग्गबास निवासी कुशाल सिंधी की 2012 में हुए एक्सीडेंट में रीढ़ की हड्डी टूट गयी। जिनके घर बूढ़ी माँ के अलावा कोई नहीं है जो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर सकें। इस परिवार के राशन का खर्च प्रतिमाह गरीब सेवा संस्थान श्रीडूंगरगढ़ ही उठा रहा है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। साधासर में सिद्ध परिवार की मदद की संस्थान के कार्यकर्ताओं ने।