श्रीडूंगरगढ टाइम्स 12 जुलाई 2019। इससे ज्यादा प्रशासनिक और राजनीतिक अक्षमता क्या होगी कि एक गांव की महिलाऐं अपने हक के लिए आमरण अनशन पर बैठ रही है। प्रशासन को बार बार चेतावनी देने के बावजुद गांव उपेक्षा का शिकार है। श्रीडूंगरगढ में जनसुनवाई कार्यक्रम में कलेक्टर द्वारा आश्वासन दिया गया परन्तु कार्य होने के आसार अभी तक कहीं नजर नहीं आ रहे है। इन महिलाओं का नेतृत्व कर रही है गांव की सरपंच प्रियंका सिहाग। महिलाओं के लिए प्रसव की सुविधा तो दूर की कौड़ी है यहां सामान्य जाँच के लिए ही महिलाओं को तपती धूप में खड़ा रहना पड़ता है। सामान्य टीकाकरण के लिए ही बच्चों को लेकर धूप में खड़े रहती है। ये परेशानी गांव की बहू बेटियों सहित ग्रामीणों की है जो यहां उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन न होने के कारण इन्हें झेलनी पड़ रही है। कल सुबह क्षेत्र का एक गांव अनशन पर बैठ रहा है अपने हक के लिए। बरजांगसर सरपंच प्रियंका सिहाग शनिवार सुबह अपने गांव की इस मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ रही है। उनके साथ सभी ग्रामीण आर पार की जंग की तैयारी कर चुके है। सरपंच के साथ बड़ी संख्या में आमरण अनशन पर बैठेंगी गांव कि महिलाऐं ओर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकदिवसीय अनशन करेगें और अपने सरपंच का समर्थन करेगें। आज भी उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर सरपंच ने समर्थकों के साथ कल सुबह 10 बजे पंचायत मुख्यालय पर अनशन पर बैठने की अंतिम सूचना भी दे दी है। उन्होंने भगवान से प्रशासन को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।
यह राजनीति नहीं शुद्ध भाव से लिया गया प्रण है- प्रियंका सिहाग
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। बरजांगसर सरपंच प्रियंका सिहाग ने टाइम्स से बातचीत करते हुए कहा कि यह राजनीति से प्रेरित कदम नहीं केवल गांव के हित के लिए उठाया हुआ कदम है। जिसमें मेरे गांव की बहू बेटियों के लिए मेरी पीड़ा है जिसे हम और सहन नहीं करेगें। अब प्रशासन को हमारी आवाज सुननी होगी नहीं तो सरकार व प्रशासन पूरे गांव का अनशन देखे। मेरा गांव मेरे साथ है और हम मरते दम तक हमारी लड़ाई को जारी रखेगें। सरपंच अपने क्षेत्र के सभी गांवो में भी सम्पर्क कर रही है व उपस्वास्थ्य केंद्र संघर्ष समिति भी बैठकें ले रही है। संघर्ष समिति की जशोदा, मूली दादी, संतोष, गायत्री, जीवन सिंह फौजी, सहीराम एडवोकेड नेमाराम, महावीर, रामुराम, नरेंन्द्र, जगदीश, भुरनाथ, हुकमाराम आदि ने सरपंच के प्रयासों की सराहना की।