आज की हथाई- नौकरी लगे पर गांव को नहीं बिसराया, भागीदार बनने को बेताब युवा।

श्रीडूंगरगढ टाइम्स। ठुकरियासर गांव के सरकारी स्कूल में प्रार्थना सभा स्थल का निर्माण हो रहा है।




श्रीडूंगरगढ टाइम्स 13 अगस्त 2019। मंगलवार को क्षेत्र में हथाई का प्रमुख मुद्दा तहसील के गांव ठुकरियासर के युवाओं द्वारा अपने सामाजिक कर्तव्यों को निभाने का रहा। ठुकरियासर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राधानाचार्य मातुराम चौहला की फेसबुक, वाटसएप पोस्ट और गांव के युवाओं की पोस्टों से आज क्षेत्र में ठुकरियासर के युवा ही चर्चा में रहे। चारों और इन युवाओं द्वारा राजकीय विद्यालय की स्थिति सुधारने का बीड़ा उठाए जाने की गांव में ही नहीं चारों तरफ भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है। विद्यालय के शिक्षक रामप्रताप जाखड़ द्वारा प्रेरणा देने पर ठुकरियासर के सरकारी नौकरियों में लगे एवं अपने व्यापार में सक्षम बने युवाओं ने सरकारी स्कूलों में कमियों की निंदा करने के बजाए कमियों को दुर करने की पहल की। इन युवाओं ने अपने बचपन में पढ़ने के दिनों को याद करते हुए विद्यालय में कम संसाधनों के कारण होने वाली दिक्कतों से आने वाली पीढ़ी के विद्यार्थियों को जुझना ना पड़े ऐसा मानस बनाया। सामान्यता सरकारी नौकरी लगने एवं व्यापार में सक्षम होने पर गांव के युवाओं को शहर की और भागते देखा जाता है लेकिन ठुकरियासर के इन युवाओं ने अपने गांव को नहीं बिसराया। अब ये युवा गांव के विकास में भागीदार बनने को बेताब है। यह युवा टोली अब गांव के विद्यालय में आने वाली पीढी को खेलने के लिए मैदान तैयार करवा रहे है जिनसे आने वाली पीढियों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने की सौगात दे रहे है। इसके अलावा विद्यालय में प्रार्थना चौकी, टेबल-कुर्सियां, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भव्य समारोह आयोजन, विद्यालय की प्रतिभाओं को पुरस्कार वितरण आदि कार्य भी इन युवाओं की अगुवाई में ही हो रहा है। विद्यालय में करीब दो लाख रुपए की लागत से निर्माण कार्य करवाया जा चुका है। अब इन युवाओं की चर्चा क्षेत्र में हर और हथाई का विषय बन गई है एवं अन्य गांवों के युवा भी इससे प्रेरणा लेकर अपनी मिट्‌टी के फर्ज को निभाने का मानस बना रहे है।

फौजी और पुलिस बने एक इकाई।

श्रीडूंगरगढ टाइम्स। ठुकरियासर गांव के इन युवाओं द्वारा एक और पहल यह की गई है इन्होंने अपने बाद की पीढ़ी के लिए अपना फर्ज निभाया है लेकिन नाम की प्यास कहीं नजर नहीं आई। सामान्यता समाज में कोई काम चवन्नी का करे नाम अठ्ठनी का चाहता है। गांव के ये सभी युवा अपना नाम नहीं देना चाहते और केवल विद्यालय में आने वाले बच्चों को अधिकाधिक संसाधन उपलब्ध करवाने को ही अपना लक्ष्य मान रहे है। इन युवाओं का कहना है कि जिन कमियों का सामना हमनें किया, वह हमारे छोटे भाईयों को नहीं करनी पड़े, और गांव का नाम रोशन हो सके। ऐसा हमारा सामूहिक प्रयास है। गांव से 15 युवा सेना, अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस में देशसेवा की नौकरी में लगे हुए है देश के साथ ये गांव की जिम्मेदारी भी अपने कंधो पर उठा रहे है। इन्होने अपने स्तर पर 76,500 रुपए विद्यालय में प्रदान किए है। बेल्ट सर्विस के माध्यम से देश की रक्षा में जुटे इन जवानों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी होने वाली किसी भी घोषणा में अपने नाम के स्थान पर “गांव के सेना एवं पुलिस जवान” को एक इकाई मानते हुए शामिल करने का आग्रह भी विद्यालय के शिक्षकों से किया है जिससे आस पास के युवक प्रेरणा ले कर देश, गांव के लिए कार्य करने में आगे आये।

श्रीडूंगरगढ टाइम्स। ठुकरियासर गांव में युवाओं द्वारा स्कूल में मैदान का निर्माण कर रहे है।