


श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 अगस्त 2019। रात्यूं दौड़ां, करां रूखाली, पुलिस काट रही है कळाळी यही मारवाड़ी शब्द कस्बे के सभी चौराहों, नुक्कड़ों की हथाई में गूंज रहें है। पिछले कुछ दिनों से श्रीडूंगरगढ़ में चोरों की सक्रियता एवं पुलिस की निष्क्रियता के बाद लोगों में असुरक्षा का माहौल है एवं कालूबास में तो लगातार चोरियां होने के बाद मोहल्लेवासियों ने अपनी सुरक्षा टुकड़ी बना ली है। यहां पर 14 अगस्त की रात में एक साथ चार जगहों पर ताले टूटने एवं इससे पूर्व भी इसी सप्ताह के दौरान तीन जगहों पर चोरी होने के कारण मौहल्लेवासी सकते में है। मौहल्ले में चोरियां होने के बाद पुलिस द्वारा मौका मुआयना करवाने के बाद कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाने के कारण मोहल्लेवासियों ने अपने स्तर पर ही आम बैठक की एवं केवल पुलिस के भरोसे नहीं रह कर अपने स्तर पर ही मोहल्ले के की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी उठाने का निर्णय लिया है। अब चोरों के डर से मौहल्ले के 8 युवा चैनरुप पुरोहित, खियाराम, करण पुरोहित, किशन जोशी, कालूराम पुरोहित, श्यामसुन्दर, ललित पुरोहित, उमाशंकर पांडिया, राजेश पुरोहित को शामिल कर दो दल बनाए और दोनों दलों ने रात को बारी बारी से गश्त प्रारम्भ कर दी। रात को 11 बजे से 2 बजे तक एवं 2 बजे से चार बजे तक पूरे मौहल्ले में गश्त कर रहे है। मोहल्ले के प्रवासी नागरिक भी इन चोरियों से घबरा कर लगभग हर रोज अपने पड़ौसियों को फोन कर अपने घरों की सार संभाल करने की भोलावन दे रहें है। कालूबास के नागरिकों की यह पहल आज पूरे कस्बे में चर्चा एवं हथाई का विषय रही। पूरे शहर में लोगों में पुलिस का प्रभाव कम होने, जनता के जागरूक होने की हथाई चल रही है।
हथाई का सवाल कि मुकदमें दर्ज क्यों नहीं।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मौहल्ले में सात से अधिक जगहों पर ताले टूटने, चोरों के धावा बोलने के बाद भी केवल एक बड़ी चोरी के मामले में ही अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। छोटी चोरियों में मामला दर्ज नहीं करवाने से भी कई सवाल खड़े हो जाते है। एक और जनता पहरा देकर अपनी जागरूकता की मिसाल दे रही है वहीं चोरी होने के बाद भी बड़ी चोरी नहीं होने के कारण मुकदमेबाजी के झंझटों से बचने की लापरवाही भी सामने आती है। वहीं दुसरी और पुलिस भी मुकदमों की संख्या कम ही रख कर खुश है।
