श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 09 नवम्बर 2019। सुप्रीम कोर्ट ने माना, बाबरी मस्जिद खाली स्थान पर नहीं बनी
अयोध्या/नई दिल्ली। देश का सबसे चर्चित और विवादित अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले फैसला सुनाना प्रारंभ कर दिया है। पहले फैसले में अयोध्या पर शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है।
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-सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर माना है कि मस्जिद के नीचे जो खुदाई की गई थी वह इस्लामिक के अनुसार रचना नहीं थी। विवादित ढांचे में पुराने पत्थरों को प्रयोग किया गया।
-सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े सेवा करने के दावे को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसने छह साल बाद अपना दावा किया है। इसलिए इनका दावा खारिज कर दिया गया।
-भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसले को पढ़ते हुए कहा: इस न्यायालय को विश्वास को स्वीकार करना चाहिए और उपासकों के विश्वास को स्वीकार करना चाहिए। कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए।
-बाबरी मज़्ज़िद खाली जगह पर नही बनी थी।
-खुदाई में जो मिला वो इस्लामिक ढांचा नही।
-रिपोर्ट में 12 वी सदी के मंदिर होने का ज़िक्र।
-ज़मीन विवाद का फैंसला कानूनी आधार पर होगा।
-सीजेआई ने कहा कि हम एएसआई की रिपोर्ट को खारिज नहीं कर सकते. एएसआई ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि मंदिर तोड़कर ढांचा बना था. एएसआई को मंदिर के सबूत भी मिले हैं।
-विवादित जगह पर हिन्दू पूजा करते रहे थे
-चबूतरा,भंडार, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि होती है। हिन्दू परिक्रमा भी किया करते थे
लेकिन टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता।
– अंग्रेजो के वक्त नमाज के सबूत नही
-मुस्लिम समुदाय को दूसरी जगह देने का आदेश
-जमीन के तीन हिस्से किए जाने को सही नहीं माना।