श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 09 नवम्बर 2019। शहर में आम आदमी यही कह रहा है कि फैसले का सम्मान किया जाए। ये फैसला हार या जीत का नहीं है दोनों पक्षों के लिए न्याय का माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला को दे दी है और मंदिर निर्माण का आदेश सरकार को देते हुए एक ट्रस्ट बनाने को कहा है। पांचों जजों ने एक मत से फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने कहा कि टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता। जमीन विवाद का फैसला कानूनी आधार पर होगा। कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजो के वक्त नमाज के सबूत नही, सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है।
जाने फैसले के मुख्य बिंदु–
– सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के नियम बनाने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाए।
– सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा सूट नंबर 4 सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक जमीन देना जरूरी है। 5 एकड़ जमीन मिलेगी।
– हाईकोर्ट ने तीन पक्षकार मानें, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दो पक्षकार माने।
– चबूतरा-सीता रसोई से मंदिर होने की पुष्टि होती है।
– निर्मोही अखाड़े को हाईकोर्ट से हिस्सा मिला था, उसे खारिज कर दिया गया।
– कोर्ट ने मानाः नमाज पढ़ने और हिंदू पूजा के भी सबूत मिले।
– सु्प्रीम कोर्ट- 1856 से पहले हिंदु भी अंदर पूजा करते थे, रोकने पर बाहर चबूतरे पर पूजा करने लगे।
– सुप्रीम कोर्ट ने कहाः अंदरुनी हिस्सों में मुस्लिमों की नमाज बंद होने का कोई सबूत नहीं मिला है। अंग्रेजों ने रैलिंग बनाकर हिंदु-मुस्लिम को अलग किया।
– निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया है, अखाड़ा यहां सेवा करना चाहता था।
– राम लला को लिमिटेशन के अंदर माना जाएगा।
– एएसआई की खुदाई में जो चीजें निकलीं है, उसे सुप्रीम कोर्ट ने सबूत मांगा।
– हाईकोर्ट के आदेश में एएसआई ने किया था खुदाई का काम।
– कोर्ट ने कहा कि मस्जिद खाली जगह पर नहीं बनी थी। बाबरी मस्जिद के नीचे विशाल रचना थी, जिसे खारिज नहीं किया जा सकता है। ये कलाकृतियां इस्लामिक रचना नहीं हैं।
– विवादित ढांचे में पुराने पत्थरों का इस्तेमाल किया गया।
– एएसआई ये साबित नहीं कर पाया कि मंदिर तोड़कर ही मस्जिद बनाई गईखाली जमीन पर नहीं बनी थी मस्जिद
जमीन विवाद का फैसला कानूनी आधार पर होगा
-मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का जिक्र नहीं
-अयोध्या राम की जन्मभूमि है, इस पर विवाद नहीं
-आस्था पर मालिकाना हक का फैसला नहीं होगा
-पुरातत्व रिपोर्ट में मंदिर की बात कही गई है
-हिन्दू आस्था गलत होने का कोई प्रमाण नहीं
-हिन्दू, सीता रसोई में पूजा करते थे
-ढांचा गिराना कानून व्यवस्था का उल्लंघन था
-मुस्लिम जमीन पर अपना मालिकाना हक साबित नहीं कर पाए
-अंग्रेजों के वक्त नमाज पढ़ने के प्रमाण नहीं।